
सरकारी सेवाओं में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की राह प्रशस्त होती नजर आ रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देने के संबंध में बनाई गई मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी गई।
फिर से स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा जाएगा विधेयक:
निर्णय लिया गया कि रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में आवश्यक संशोधन कर इसे फिर से स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा जाएगा। कैबिनेट ने देहरादून के रायपुर क्षेत्र में विधानसभा, सचिवालय व अन्य सरकारी भवनों के निर्माण के दृष्टिगत यहां से कालीमाटी गांव तक पूरा क्षेत्र छह माह तक खरीद फरोख्त के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
बैठक में इसके अलावा सौर ऊर्जा नीति व विधायक निधि बढ़ाने समेत 10 बिंदुओं को स्वीकृति प्रदान की गई।
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित उप समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
इस रिपोर्ट में राज्य आंदोलनकारियों को पूर्व की भांति सरकारी सेवाओं में आरक्षण दिए जाने का प्रविधान किया गया है। कैबिनेट ने इस रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा विधेयक में आवश्यक संशोधन करते हुए इसे फिर से राजभवन भेजने का निर्णय लिया।
कैबिनेट ने सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी दी:
एक अन्य अहम निर्णय में कैबिनेट ने सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी दी है। इस नीति में सौर ऊर्जा की नई परियोजनाओं, निजी सहयोग और स्थानीय युवाओं को रोजगार दिए जाने का भी प्रविधान किया गया है।
कैबिनेट ने पर्वतीय क्षेत्रों में जमीनों की रजिस्ट्री को लेकर सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इस कड़ी में निर्णय लिया गया है कि पर्वतीय क्षेत्रों की जिन तहसीलों में सब रजिस्ट्रार नहीं हैं, वहां तहसीलदार ही रजिस्ट्री कर सकेंगे।
विधायक निधि बढ़ाने का भी निर्णय:
कैबिनेट ने विधायक निधि बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। विधायक निधि को बढ़ाकर अब पांच करोड़ रुपये किया गया है। पहले यह सीमा 3.75 करोड़ थी।
इस निधि के अंतर्गत अब महिला मंगल दल व युवक मंगल दलों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 50 लाख रुपये दिए जा सकेंगे। पहले यह सीमा 40 लाख थी। इसी प्रकार विधायक निधि से सांस्कृतिक व धार्मिक स्थलों के सुंदरीकरण के लिए 50 लाख रुपये दिए जा सकेंगे। पहले यह सीमा 25 लाख थी।
पर्वतीय क्षेत्रों में मिलेगी अब रजिस्ट्री में राहत:
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में अब रजिस्ट्री के लिए सब रजिस्ट्रार की तैनाती का इंतजार नहीं करना होगा। यहां की तहसीलों में अब तहसीलदार भी रजिस्ट्री कर सकेंगे। कैबिनेट ने राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
सोमवार को कैबिनेट की बैठक में राजस्व विभाग की ओर से यह विषय रखा गया। इसमें कहा गया कि सब रजिस्ट्रार की कमी के कारण कई बार एक ही सब रजिस्ट्रार को एक से अधिक तहसीलों का प्रभार सौंपा जाता है। इससे रजिस्ट्री के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसे देखते हुए राजस्व विभाग ने यह जिम्मा तहसीलदार को सौपंने का प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसे शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
आरएस टोलिया प्रशासनिक अकादमी में सीखेंगे नगरीय विकास के गुर:
प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों का तेजी से विस्तार हो रहा है। इस कड़ी में अब डा आर एस टोलिया प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल में राज्य नगरीय विकास संस्थान खोला जा रहा है। इसमें वैश्विक व राष्ट्रीय परिदृश्य के दृष्टिगत शहरी प्रबंधन के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के संबंध में प्रशिक्षण व जानकारी दी जाएगी, ताकि उत्तराखंड में भी नगरीय विकास को गति दी जा सके।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में आइटीबीपी होगी मजबूत:
प्रदेश के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस का ढांचा मजबूत किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने पिथौरागढ के ग्राम तल्लीमिर्थी में 3.31 हेक्टेयर और ग्राम हारथर्प में 5.6 हेक्टेयर भूमि देने को मंजूरी प्रदान की है। यह भूमि आटीबीपी गौचर को दी जा रही है। यहां पहले से ही आइटीबीपी का बेस है।
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