गोवर्धन पूजा के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गायों की पूजा की। पूजा के दौरान उन्होंने उत्तराखंडवासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। उनके साथ उनकी पत्नी गीता धामी ने भी गायों की पूजा की।
गाय समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय:
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। भारतीय संस्कृति में गाय को सुख, सौभाग्य व समृद्धि प्रदान करने वाली तथा समस्त मनोकामनाएं को पूर्ण करने वाली माना गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश की युवा पीढ़ी का आह्वान किया:
प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई एवं शुभकामनाएं देते मुख्यमंत्री धामी ने विशेषकर प्रदेश की युवा पीढ़ी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आएं।
राज्यपाल ने भी की गौमाता की पूजा:
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने भी आज गोवर्धन पूजा के अवसर पर राजभवन में गौमाता की पूजा कर उत्तराखंडवासियों की सुख- समृद्धि एवं खुशहाली के लिए कामना की। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर भी उपस्थित रहीं।
गोवर्धन पूजा आज, कल मनाया जाएगा भैयादूज
सूर्यग्रहण के कारण मंगलवार को गोवर्धन पूजा नहीं हुई, जिस कारण बुधवार को गोवर्धन पूजा की जा रही है। जबकि अगले दिन यानी गुरुवार को भैयादूज का पर्व मनाया जाएगा।
इससे पहले मंगलवार को पछवादून में सूर्यग्रहण का सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। सूर्यग्रहण के सूतक के चलते मंदिरों में सुबह की आरती भी नहीं हो पाई। कई श्रद्धालुओं ने सूर्यग्रहण का सूतक लगते ही कुछ भी खाया पिया नहीं।
साथ ही गृहणियों ने खाने-पीने के सामान में तुलसी के पत्ते डाले। ताकि ग्रहण का असर न पड़े। पछवादून में सूर्यग्रहण अपरान्ह 4.26 बजे से शुरू हुआ और सायं 5.32 बजे तक रहा। सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य का एक किनारा कटा सा दिखाई दिया। जिसे कई व्यक्तियों ने कैमरों में कैद किया।
सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद मंदिरों की धुलाई की गई। गंगा जल का छिड़काव किया गया। राशियों पर विभिन्न प्रभाव पड़ने को देखते हुए किसी ने हनुमान चालिसा का पाठ किया तो किसी ने श्रीसूक्त का पाठ किया। किसी श्रद्धालु ने अपने ईष्ट देवता का स्मरण किया।
सूर्यग्रहण समाप्ति के बाद गौतम ऋषि की तपस्थली कहलाने वाले गंगभेवा बावड़ी में श्रद्धालुओं ने स्नान भी किया। श्री आद्यशक्ति विद्यापीठ संस्कार जागृति केंद्र सेलाकुई के ज्योतिषाचार्य डा. पंकज किशोर गौड़ का कहना है कि उदय तिथि के कारण गोवर्धन पूजा बुधवार को की जाएगी और गुरुवार को भैयादूज का पर्व मनाया जाएगा।