उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लगभग निपट ही गए हैं और जनता को नए मुख्यमंत्री का इंतजार है। लेकिन इन चुनावों में हार का सामना करने वाली कांग्रेस में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ताजा मामले में कांग्रेस पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर टिकट के लिए रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोला है।
रणजीत ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बांटने में एक बड़ी धनराशि एकत्र की है। कुछ टिकट नहीं पाए कार्यकर्ताओं के पैसे वापस कर दिए हैं और अपने पैसों के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
कांग्रेस इस मामले की जांच करे:
रणजीत रावत के इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस से इस मामले की जांच करने को कहा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने कांग्रेस नेता रणजीत रावत के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कांग्रेस यदि ईमानदार है तो वह कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत द्वारा चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत पर लगाए गए आरोपों की जांच करे।
बयान में जुगरान ने कहा कि आरोप बेहद गंभीर प्रवृत्ति के हैं। कांग्रेस यदि इन आरोपों की जांच नहीं कराती तो यह समझा जाएगा कि रणजीत सिंह रावत के आरोप सही हैं। राजनीति में शुचिता व पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को भी इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत ने खुलकर लगाए आरोप:
रविवार रात हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा था कि वह लालकुआं नहीं बल्कि रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने कह दिया कि लालकुआं से ही लड़ना होगा।
उनके इसी बयान पर सोमवार को रणजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत झूठ बोल रहे हैं। उनका झूठ किसी अफीम के नशे से कम नहीं है। मैं खुद उनके इस झूठ से 35 साल बाद बाहर निकल पाया।
कहा कि सल्ट के स्थान पर रामनगर से चुनाव लड़ने के लिए 2017 में मुझसे हरीश रावत ने ही कहा था। जब मैंने इस बार रामनगर में अपनी तैयारी कर ली तो उन्होंने आखिरी वक्त में सल्ट से अपनी दावेदारी की घोषणा कर दी।
रणजीत ने कहा कि पांच साल रामनगर में रहकर मेहनत की और यही से चुनाव लड़ना चाहता था। मगर हरीश रावत की जिद के कारण सल्ट गया।