
उत्तराखंड से रिक्त होने जा रही राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा ने डा कल्पना सैनी को प्रत्याशी बनाया है। शिक्षाविद् डा सैनी वर्तमान में उत्तराखंड पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्यक्ष हैं। राज्य विधानसभा में भाजपा के पास दो-तिहाई बहुमत होने के चलते उनकी जीत तय है। इसके साथ ही पिछले कई दिनों से चल रही उस चर्चा पर भी विराम लग गया, जिसमें कहा जा रहा था कि भाजपा राज्य के बाहर से भी प्रत्याशी उतार सकती है।
उत्तराखंड से राज्यसभा की तीन सीटों में से वर्तमान में दो भाजपा के पास हैं। रिक्त हो रही तीसरी सीट का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के प्रदीप टम्टा कर रहे हैं। इस सीट के लिए 10 जून को चुनाव होना है। इसे देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा से दावेदारों के नाम का पैनल मांगा था। दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रत्याशी के लिए डा कल्पना सैनी के नाम पर मुहर लगी।
मूल रूप से हरिद्वार जिले के ग्राम शिवदासपुर-तेलीवाला (रुड़की) निवासी डा सैनी हरिद्वार जिले में भाजपा के बड़े चेहरों में शामिल हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली। उनके पिता पृथ्वी सिंह विकसित उत्तर प्रदेश में सिंचार्ईं मंत्री रहे हैं। वह लंबे समय तक गांधी महिला शिल्प इंटर कालेज रुड़की की प्राचार्य रहीं। उन्होंने हरिद्वार भाजपा के जिलाध्यक्ष समेत अन्य पदों पर भी कार्य किया।
संगठन के प्रति निष्ठा ने बनाई डा. कल्पना की राह की आसान:
रुड़की। भारतीय जनता पार्टी ने शिक्षाविद एवं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डा. कल्पना सैनी को राज्यसभा का सदस्य का उम्मीदवार घोषित किया है। डा. कल्पना सैनी लंबे समय से संगठन से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता स्व. डा. पृथ्वी सिंह विकसित 1991 में पहली बार भाजपा के टिकट पर रुड़की विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे और उत्तर प्रदेश में सिंचाई राज्यमंत्री रहे हैं।
रुड़की के आवास विकास में रहने वाली डा. कल्पना सैनी भाजपा की हरिद्वार जिले की जिला अध्यक्ष रही। इसके अलावा उन्होंने रुड़की के श्री गांधी महिला शिल्प इंटर कालेज से शिक्षण कार्य शुरू किया। उन्होंने संस्कृत से पीएचडी की डिग्री हासिल की है। बाद में वह इस विद्यालय की प्रधानाचार्य भी रही। इसके बाद उनको भाजपा सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मनोनीत किया था। डा. कल्पना के पति डा. नाथीराम सैनी आयुर्वेद चिकित्सक हैं वह भी समाज सेवा में सक्रिय हैं। उनके दो संतान एक बेटा और एक बेटी। रुड़की शहर के लिए यह पहला मौका है जब कोई स्थानीय व्यक्ति पहली बार राज्यसभा में जा रहा है।
पार्टी के अनुशासन पर दिया जोर:
डा. कल्पना सैनी रुड़की और कलियर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी करती रही । हमेशा उन्होंने पार्टी फोरम पर ही अपनी बात कही और पार्टी अनुशासन पर उन्होंने हमेशा जोर दिया। डा. कल्पना सैनी को राजनीति विरासत में मिली है उनके पिता डा . पृथ्वी सिंह विकसित संघ का बड़ा चेहरा रहे हैं इसके अलावा वर्ष 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते और उनको उत्तर प्रदेश सरकार में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की थी हालांकि उत्तराखंड बनने के बाद वह बहादराबाद सीट से दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
कार्यकर्त्ताओं में खुशी:
डा. कल्पना सैनी को राज्यसभा सदस्य घोषित करने से भाजपा कार्यकर्ताओं में भी खुशी की लहर है। वहीं सैनी समाज ने भी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बताया है। दरअसल पिछले कुछ समय से सैनी समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से इस बात को लेकर लगातार नाराजगी जताई जा रही थी कि भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक होने के बावजूद पार्टी की ओर से सैनी समाज को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
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