पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया है। उनकी बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं से मुलाकात प्रस्तावित है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हाल ही में विधानसभा में हुई भर्ती परीक्षाओं को लेकर मुखर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने विधानसभा में भर्ती संबंधी पत्रावली को नियमानुसार करने की टिप्पणी की थी। इसके बाद इन भर्तियों को लेकर हंगामा भी हुआ।
अब विस अध्यक्ष ने भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है और समिति ने जांच भी शुरू कर दी है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली बुलाया गया। सूत्रों की मानें तो नई दिल्ली में बुधवार को वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह अन्य नेताओं से भी भेंट कर सकते हैं।
विशेषज्ञ जांच समिति ने सचिव से ली जानकारियां:
विधानसभा के भर्ती प्रकरण की जांच कर रही विशेषज्ञ जांच समिति ने मंगलवार को सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को बुलाकर नियुक्तियों के संबंध में विभिन्न जानकारियां लीं। समिति प्रथम चरण में वर्ष 2012 से 2021 तक हुई 222 नियुक्तियों से संबंधित पत्रावलियों का गहन परीक्षण कर रही है।
सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ जांच समिति को माहभर के भीतर अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपनी है। समिति के दो सदस्यों में सेवानिवृत्त आइएएस सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल शामिल हैं।जांच समिति रविवार से जांच में जुटी हुई है। वह इस पहलू से जांच कर रही है कि विधानसभा में हुई नियुक्तियों में नियम-कानूनों का पालन हुआ है या नहीं।
जांच समिति ने सोमवार को सचिव विधानसभा के कक्ष को खुलवाकर वहां से नियुक्ति से जुड़ी कुछ फाइलें कब्जे में ली थीं।भर्ती प्रकरण की जांच के मद्देनजर सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को लंबी छुट्टी पर भेजा गया है। शनिवार को प्रकरण की जांच का एलान होने के बाद उनके कक्ष को सील कर दिया गया था।