उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने उस बयान से पलट गए हैं। हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने यह बयान रणनीति के तहत दिया था। सोनिया गांधी जिसे नामित कर देंगी वह मुख्यमंत्री होगा।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने उस बयान से पलट गए हैं, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। अब हरदा (हरीश रावत) अपने उस बयान से पलट गए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने रणनीति के तहत उक्त बयान दिया था।
हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने ‘घर बैठूंगा या मुख्यमंत्री बनूंगा’ बयान रणनीति के तहत दिया था। बकौल रावत, कांग्रेस के सत्ता में आने पर नेता के चयन के लिए विधानमंडल दल प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को भेजेगा। सोनिया गांधी जिसे नामित कर देंगी, वह मुख्यमंत्री होगा। कांग्रेस ने उत्तराखंड में 2002 से यही परंपरा डाली है। अगर पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित किया होता, तब भी चेहरे पर मुहर लगाने के लिए वहीं जाते।
दैनिक जागरण’ से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि चुनाव में हमारे सामने सात प्रमुख मुद्दे थे। गैरसैंण, जिला निर्माण, रोजगार संवद्र्धन, गैस सब्सिडी, राजस्व ग्राम व भूमिधरी का अधिकार, नया जनभावना का भू कानून और उत्तराखंडियत। इन सात मुद्दों पर भाजपा का प्रयास हमें घेरने का था। उन्होंने कहा कि जब पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने चेहरा घोषित किया तो भाजपा यह प्रचार करने लगी कि उत्तराखंड में तो हरीश रावत चेहरा होंगे नहीं। इसीलिए जब किसी ने सवाल किया कि जो वादे किए हैं, वे पूरे होंगे तो जवाब दिया कि अवश्य पूरे होंगे। फिर पूछा गया कि आप मुख्यमंत्री होंगे, तो जवाब दिया कि इसके अलावा हमारे पास विकल्प क्या है। मुख्यमंत्री बनूंगा या फिर घर बैठूंगा। भाजपा जो हमसे लाभ छीनने की कोशिश कर रही थी, ये लाभ छीन न पाएं, इसलिए रणनीति के तहत यह कहा।
युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे राहुल गांधी
राहुल गांधी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, पूछे जाने पर रावत ने कहा कि युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना हम सब का कर्तव्य है, नहीं तो कम्युनिस्ट पार्टी तरह एज्ड आउट पार्टी हो जाएंगे। राहुल गांधी को धन्यवाद कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया में युवाओं को काफी प्रोत्साहित किया है। उत्तराखंड में तो नेताओं की तीन श्रेणियां पहले से ही हैं। प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, यशपाल आर्य, राजेंद्र भंडारी पहली श्रेणी में हैं। हमारी श्रेणी में गोविंद सिंह कुंजवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, शूरवीर सिंह सजवाण, हीरा सिंह बिष्ट, मंत्री प्रसाद नैथानी, नवप्रभात, दिनेश अग्रवाल, तिलकराज बेहड़ शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में करन माहरा, हरीश धामी, मनोज रावत, काजी निजामुद्दीन जैसे युवा हैं। कांग्रेस उत्तराखंड को युवा विधानसभा देने जा रही है।
कांग्रेस के बहुचर्चित ग्रुप 23 से संबंधित सवाल पर रावत ने कहा कि उत्तराखंड पूरी तरह राहुल गांधी के साथ है, शत-प्रतिशत। हमें अपने साथियों पर पूरा भरोसा है। मतदान के बाद एक बार फिर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव की बात उठने पर उन्होंने कहा कि अब इस विवाद में क्यों जाएं, चुनाव का एक चरण समाप्त हो गया। इस चरण में पार्टी ने यह कहना आवश्यक समझा कि हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। हमने तो कहा नहीं, पार्टी ने कहा। नेता विधायक दल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा। वह चरण गुजर गया, अब उत्तराखंड बनाने का चरण है। यह तो सामूहिकता में ही पूरा किया जाएगा। अकेला चना तो भाड़ नहीं झोंक सकता।