सरकार ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत उन बच्चों को राहत दे दी है, जिन्होंने एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक कोरोना अथवा अन्य बीमारियों से अपने माता-पिता, अभिभावक या संरक्षक को खोया है और उनके पास मृत्यु का कोई चिकित्सा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। योजना का लाभ लेने के लिए अब वे शपथ पत्र देकर आवेदन कर सकेंगे।
ग्राम प्रधान अथवा पार्षद के माध्यम से मृत्यु के कारण का सत्यापन कराते हुए इसका प्रमाणपत्र भी आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। 31 मार्च को खत्म हो चुकी इस योजना में पात्र बच्चों को 31 मई तक निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर आवेदन जमा करने की छूट दी गई है। सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास हरि चंद्र सेमवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रविधान
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में पात्र बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रविधान किया गया है। राज्य में अब तक 4057 बच्चों को इससे आच्छादित किया जा चुका है। बावजूद इसके माता-पिता, अभिभावक या संरक्षक की मृत्यु पर इसका चिकित्सा प्रमाणपत्र न होने के कारण 150 से ज्यादा बच्चे छूट गए हैं। अब ऐसे बच्चों को योजना का लाभ देने के लिए सहूलियत दी गई है।
सचिव हरि चंद्र सेमवाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिन बच्चों के पास माता-पिता, अभिभावक या संरक्षक की मृत्यु के संबंध चिकित्सा विभाग का कोई साक्ष्य या प्रमाणपत्र नहीं है, उनसे साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र लिया जाएगा।
इसमें यह भी उल्लेख करना होगा कि बीमारी के दौरान कहां-कहां उपचार कराया गया। फिर इसे जिला स्तरीय समिति के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा। यदि किसी की मृत्यु घर पर हुई हो तो उसके उपचार से संबंधित अभिलेख भी शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करने होंगे।