प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में राज्य में स्वीकृत सड़कों के लिए अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा वितरित करने की रफ्तार बेहद धीमी है। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि भूमि का मुआवजा वितरित करने के 652 प्रकरणों में से अभी तक 325 में 198.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अन्य लंबित प्रकरणों पर कार्रवाई चल रही है। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुआवजा वितरण से संबंधित कार्य को प्राथमिकता लेते हुए इसे शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।
पीएमजीएसवाई के तहत बाकी कार्यों को जल्द पूरा कराने के निर्देश
कैबिनेट मंत्री जोशी के हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में हुई बैठक में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि पीएमजीएसवाई के प्रथम व द्वितीय चरण में 2620 सड़कें स्वीकृत थीं। इनमें से 2316 सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है। इनमें 367 पुलों में से 311 बनाए जा चुके हैं। मंत्री ने शेष सड़कों व पुलों का निर्माण शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा में क्षतिग्रस्त सड़कों से संबंधित कार्य जल्द पूरा कराने, वन स्वीकृति से जुड़ी विसंगतियों को अविलंब दूर कराने और सड़क निर्माण के दौरान मलबे के निस्तारण को डंपिंग यार्ड बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत पिथौरागढ़ जिले के आठ गांवों के लिए केंद्र से स्वीकृत 119 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 43.96 किलोमीटर सड़कों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए।
योजना से अछूते गांव में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत हो काम
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो गांव पीएमजीएसवाई अथवा अन्य किसी योजना में सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं, वहां मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत कदम उठाए जाएं। इससे 250 व और 150 तक की आबादी वाले गांव मुख्य मार्ग से जुड़ जाएंगे।
बैठक में पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता आरपी सिंह, अधीक्षण अभियंता राजेश सिंह आदि उपस्थित थे।