विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किए गए 228 कर्मचारियों की सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई विशेष याचिका (एसएलपी) खारिज हो गई है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के याचिका निरस्त करने के बाद याचिकत्र्ताओं के अधिवक्ताओं ने डबल बेंच से याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को न्याय की जीत बताया।
228 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं थी:
विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों का मामला इसी वर्ष अगस्त में चर्चाओं में आया था। मामले ने तूल पकड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 2012 के बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के संबंध में पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर 228 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। बर्खास्त कर्मचारियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बर्खास्त कर्मचारियों को फिर से सेवा में बहाल करने के आदेश दिए थे। इस पर विधानसभा सचिवालय ने एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अपील दायर की थी।
गत 24 नवंबर को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस पर सुनवाई की और विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को सही ठहराते हुए एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट के इस निर्णय को बर्खास्त कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकत्र्ताओं के अधिवक्ताओं ने इस याचिका को वापस लेने की बात कही, जिसकी अनुमति डबल बेंच ने दे दी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह उत्तराखंड के युवाओं की जीत है। उन्होंने पहले भी कहा था कि यह कठोर निर्णय है, लेकिन इस निर्णय को लेने से पीछे नहीं हटेंगी। जो रिपोर्ट कोटिया समिति ने दी वह सही थी।
मुख्यमंत्री धामी ने किया सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत:
मुख्यमंत्री धामी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त करते हैं कि प्रतिभावान युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। समस्त रिक्त पदों पर समयबद्ध तरीके से पूर्ण पारदर्शिता से नियुक्तियां की जा रही हैं। सरकार ने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है।