
विधायकों की शपथ ग्रहण के बाद पांचवीं विधानसभा का विधिवत गठन होने पर अब यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैरने लगा है कि नया विधानसभा अध्यक्ष कौन होगा। इसे लेकर भाजपा मंथन में जुट गई है। फिलहाल पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक मुन्ना सिंह चौहान के नाम विधानसभा अध्यक्ष को लेकर चर्चा में हैं।
वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल मंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि अग्रवाल को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला तो उन्हें फिर से विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। बुधवार को धामी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद केंद्रीय नेतृत्व से विमर्श कर भाजपा इस सिलसिले में क्या निर्णय लेती है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है।
70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास दो-तिहाई बहुमत है। उसके विधायकों की संख्या 47 है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष के लिए पार्टी जो नाम तय करेगी, उसके इस पद पर आसीन होने में कोई संशय नहीं है। यद्यपि, अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के पास अनुभवी विधायकों की कमी नहीं है, लेकिन माथापच्ची कम नहीं है। पिछली भाजपा सरकार में ऋषिकेश से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष थे। इस बार अग्रवाल मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। यदि उनकी आस पूरी हुई तो किसी अन्य विधायक का अध्यक्ष पद के लिए चयन करना पड़ेगा।
इस दृष्टिकोण से पार्टी में तीन नाम चर्चा में है। वर्तमान में सदन में सबसे वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई थी। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद का दायित्व सौंप सकती है। ऐसी ही स्थिति भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मामले में भी है।
वह पिछली त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री थे और बाद में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह पूर्व में संसदीय कार्यमंत्री का दायित्व भी निभा चुके हैं। बदली परिस्थितियों में पार्टी उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का पद दे सकती है।
इसके अलावा संसदीय परंपराओं के मर्मज्ञ के रूप में पहचान रखने वाले विकासनगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है।
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