मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए विभागों में बनी नीतियों में संशोधन किया जाए। इसके लिए जो प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं, उन्हें नीतियों में समाहित करते हुए संशोधित नीतियों को पारित करने के लिए कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने विभागीय सचिव को निर्देश दिए कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि निवेशक सम्मेलन शुरू होने तक विभिन्न परियोजनाओं के तहत अच्छी ग्राउंडिंग हो जाए। राज्य में निवेश को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है। सभी सचिव इसके लिए विभागीय अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करें। गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए विभागों द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के लैंड बैंक की पोर्टल के माध्यम से निगरानी की जाए। निवेशक के लिए आवश्यकतानुसार भूमि का सही उपयोग होना जरूरी है।
सुनियोजित तरीके से हो क्रियान्वयन
राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए विभागों द्वारा जो योजनाएं बनाई जा रही हैं, उनका क्रियान्वयन सुनियोजित तरीके से हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि नीतियों के सरलीकरण के साथ ही निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं।
निवेशकों को किया जाए प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। राज्य का समग्र विकास पर्वतीय क्षेत्रों के विकास से ही संभव है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनेक संभावनाएं हैं, इन संभावनाओं को धरातल पर उतारकर प्रदेश की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाना है।
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, बीवीआरसी पुरुषोत्तम, रविनाथ रमन, डाॅ. पंकज कुमार पांडेय, विजय कुमार यादव, आर राजेश कुमार, विनय शंकर पांडेय, दीपेंद्र कुमार चौधरी व महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।