देवभूमि में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की वहन क्षमता के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है। यात्राकाल के दौरान भारी भीड़ के कारण आपात स्थिति में क्षति की आशंका के दृष्टिगत चारों धाम की वहन क्षमता का पालन न होने पर एनजीटी ने चिंता जताते हुए इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही चारों धाम की तात्कालिक वहन क्षमता का निर्धारण कर सप्ताहभर में दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी के आदेश के बाद शासन सक्रिय हो गया है। इस क्रम में जल्द ही पर्यटन, पर्यावरण समेत संबंधित विभागों की बैठक आहूत की जाएगी।
हर वर्ष ही दर्शन के लिए पहुंचते हैं लाखों यात्री
कोरोनाकाल को छोड़ दें तो चारधाम में हर वर्ष ही लाखों यात्री दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार भी 46.28 लाख यात्री चारधाम में पहुंचे, जबकि यात्रा अवधि पिछली बार की तुलना में लगभग 82 दिन कम थी। गत वर्ष 50 लाख से ज्यादा यात्री आए थे। इस परिदृश्य के बीच चारधाम में भीड़ प्रबंधन चुनौती बना हुआ है। यद्यपि, वर्ष 2022 में सरकार ने चारों धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित की, लेकिन इसे लेकर विरोध के बाद यह शासनादेश वापस ले लिया गया था। केवल पंजीकरण अनिवार्य किया गया। इसके बाद चारधाम में वहां की वहन क्षमता के हिसाब से यात्री भेजने को कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं बन पाई। इस बार की यात्रा को लें तो पंजीकरण अनिवार्य करने के साथ ही धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों के पंजीकरण की संख्या तय की गई। बाद में विभिन्न कारणों से यह व्यवस्था भी धड़ाम हो गई। यमुनोत्री धाम की यात्रा में इस बार शुरुआत में भीड़ प्रबंधन की चुनौती उभरी। यद्यपि, बाद में मशक्कत के बाद व्यवस्था सुधरी, लेकिन धाम में बड़ी संख्या में लोग दर्शन को पहुंचते रहे।
संकरे रास्तों से होकर जाती चारधाम में उमड़ने वाली भीड़
एनजीटी ने भी इन सब विषयों का उल्लेख अपने आदेश में किया है। साथ ही कहा है कि चारधाम में उमड़ने वाली भीड़ संकरे रास्तों से होकर जाती है। ऐसे में खतरे की आशंका अधिक रहती है। एनजीटी ने कहा कि चारधाम की वहन क्षमता के मामले में पिछली सुनवाई में वर्चुअली जुड़े राज्य के पर्यावरण सचिव से पूछा गया था कि बिना संख्या निर्धारित कोई हादसा होने पर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा और क्षति की प्रतिपूर्ति कैसे की जाएगी। इस पर बताया गया था कि चारधाम में यात्रियों की संख्या सरकार तय करती है, लेकिन इस संबंध में कोई साक्ष्य व दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। एनजीटी ने पर्यावरण सचिव को अगली सुनवाई में वर्चुअली उपस्थित रहने को कहा है।
यह हैं चुनौतियां
बढ़ती संख्या को देखते हुए चारधाम में आधारभूत ढांचा
धाम में संख्या निर्धारण करने पर हितधारकों का दबाव
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का दबाव
सरकार की कीर्तिमान बनाने की चाहत
पारिस्थितिकी व आर्थिक में समन्वय
एनजीटी के आदेश के अनुसार उठाएंगे कदम: सुधांशु
प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आरके सुधांशु के अनुसार चारों धाम की वहन क्षमता को लेकर एनजीटी के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे। तात्कालिक वहन क्षमता को लेकर शीघ्र ही संबंधित विभागों की बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि धामों की वहन क्षमता के आकलन का जिम्मा भारतीय वन्यजीव संस्थान को पहले ही दिया जा चुका है।
वर्ष 2022 में प्रतिदिन दर्शन को यह तय की गई थी संख्या
धाम, संख्या
बदरीनाथ, 15000
केदारनाथ,12000
गंगोत्री, 7000
यमुनोत्री, 4000