प्रदेश में अब प्रथम दो बच्चों के जन्म पर प्रसवोपरांत जच्चा-बच्चा को सरकार की ओर से किट दी जाएगी। इसके लिए महालक्ष्मी किट योजना में संशोधन करने के साथ ही इसका नाम भी परिवर्तित किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विभागीय अधिकारियों को इस सिलसिले में ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक प्रसवोपरांत महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर महालक्ष्मी किट दी जाती है। आने वाले दिनों में बालक अथवा बालिका, दोनों के जन्म पर इस तरह की किट दी जाएगी।
प्रसवोपरांत माता और नवजात कन्या के पोषण, अतिरिक्त देखभाल और लैंगिक असमानता दूर करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष 17 जुलाई को धामी सरकार ने महालक्ष्मी किट योजना की शुरुआत की थी। तब प्रदेशभर में लगभग 17 हजार लाभार्थियों को इससे लाभान्वित किया गया था। योजना के अंतर्गत प्रसवोपरांत महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक- एक किट और जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर महिला को एक व बच्चियों के लिए पृथक-पृथक दो किट दी जाती हैं।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के अनुसार अब इस योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी है। प्रथम दो बालक अथवा बालिकाओं के जन्म पर उसी तरह की किट दी जाएगी, जैसी वर्तमान में महालक्ष्मी किट योजनांतर्गत दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए महालक्ष्मी किट योजना में आवश्यक संशोधन करने के साथ ही इसका नाम भी बदला जाएगा। विभागीय अधिकारियों से ड्राफ्ट मिलने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।
महालक्ष्मी किट में उपलब्ध सामग्री
माताओं के लिए किट में 250 ग्राम बादाम गिरी, अखरोट, सूखे खुमानी, 500 ग्राम छुआरा, दो जोड़ी जुराब, स्कार्फ, दो तौलिये, शाल, कंबल, बेडशीट, दो पैकेट सैनेटरी नेपकिन, 500 ग्राम सरसों तेल, साबुन, नेलकटर आदि। बालिकाओं की किट में दो जोड़ी सूती व गर्म कपड़े, टोपी, मौजे, 12 लंगोट, तौलिया, बेबी सोप, रबर शीट, गर्म कंबल, टीकाकरण कार्ड व पोषाहार कार्ड।