टाटा समूह के मानद अध्यक्ष रतन टाटा ने शुक्रवार को कहा कि, “भारत में परिवहन विमान सी-295 के निर्माण के लिए एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच संयुक्त परियोजना की मंजूरी एक साहसिक कदम है। जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों की घरेलू सप्लाई चेन क्षमता का निर्माण करेगा।”
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को 56 सी-295 विमान खरीदने के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ऑफ स्पेन के साथ, लगभग 20,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। सौदे के अनुसार, 16 विमान उड़ान भरने की स्थिति में वितरित किए जाएंगे। शेष 40 विमानों को भारत में अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 वर्षों के भीतर, एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के एक संघ द्वारा बनाया जाएगा।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रतन टाटा ने बयान दिया है कि, “एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच सी -295 के निर्माण के लिए, संयुक्त परियोजना की मंजूरी भारत में विमानन और एवियोनिक्स परियोजनाओं को खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सी-295 एक कई भूमिकाओं वाला एक विमान है, जिसमें मिशन की जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से कई सारी खूबियां हैं। इसके अलावा यह भारत में विमान के कुल निर्माण की परिकल्पना को पूरा करता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों की घरेलू आपूर्ति श्रृंखला क्षमता का निर्माण करेगा, जिसे इससे पहले कभी शुरू नहीं किया गया है।”
टाटा समूह की ओर से, दिग्गज उद्योगपति ने ‘मेक इन इंडिया’ के समर्थन में देश के शेयर ढांचे को मजबूत करने के लिए, भारत में इस बेहद ही आधुनिक तकनीकि वाले और कई भूमिकाओं वाले विमान को पूरी तरह से बनाने में, इस साहसिक कदम के लिए एयरबस और भारतीय रक्षा मंत्रालय को बधाई दी है।
C-295 की लंबे समय से अटकी खरीद को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने दो हफ्ते पहले मंजूरी दे दी थी। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
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