प्रदेश में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था नए या भविष्य में होने वाले विवाह के साथ ही पहले हो चुके विवाह यानी पुराने विवाहितों के लिए भी लागू की जाएगी। समान नागरिक संहिता की नियमावली में इस प्रविधान को सम्मिलित करने की तैयारी है। विवाह के पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए इस व्यवस्था को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एवं समान नागरिक संहिता से संबंधित समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने विभागाें को उनकी योजनाओं से विवाह पंजीकरण को जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
नौ नवंबर से पहले क्रियान्वित करने की तैयारी
प्रदेश सरकार उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को आगामी राज्य स्थापना दिवस की वर्षगांठ यानी नौ नवंबर से पहले क्रियान्वित करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संबंध में अपनी मंशा स्पष्ट कर चुके हैं। समान नागरिक संहिता अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए अब नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत प्रदेश में विवाह के साथ ही लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण पर बल दिया गया है। संहिता के लिए तैयार की जा रही नियमावली में विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने पर मंथन किया जा रहा है।
विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक
बीजापुर अतिथिगृह में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एवं उत्तराखंड समान नागरिक संहिता के लिए नियमावली बना रही समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में गृह, पुलिस, स्वास्थ्य, आबकारी, अल्पसंख्यक कल्याण, संस्कृति, खाद्य व नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा, नियोजन, वित्त विभागों का नियमावली बनाने में सहयाेग लेने पर विचार विमर्श किया गया। विभागों से उनकी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए विवाह का पंजीकरण अनिवार्य करने पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान, खाद्य विभाग गरीब अन्न योजना के साथ ही निर्धन परिवारों के लिए निश्शुल्क रसोई गैस, सस्ती दरों पर नमक व अन्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है।
नए और पुराने विवाह का पंजीकरण आवश्यक
इसी प्रकार नियोजन विभाग भी परिवार पहचान पत्र, ऊर्जा विभाग बिलिंग में छूट और सौर ऊर्जा योजनाओं में सब्सिडी उपलब्ध करा रहा है। अब विभागीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए नए और पुराने विवाह का पंजीकरण आवश्यक होगा। इस संबंध में विभागों को अपनी नियमावलियों में संशोधन का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में समान नागरिक संहिता की नियमावली से संबंधित समिति के सदस्य मनु गौर, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।