भारत-चीन नियंत्रण रेखा पर चार चौकियों पर तैनात जवानों के लिए हीटिंग तेल समेत राशन की खरीद और आपूर्ति में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) के पूर्व कमांडेंट, सब इंस्पेक्टर और हरिद्वार के एक तेल कारोबारी के विरुद्ध विशेष न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई जल्द ही आरोपितों को बयान दर्ज करवाने के लिए समन जारी कर सकती है। देहरादून के सीमाद्वार स्थित आईटीबीपी की 23वीं बटालियन के कमांडेंट ने पूर्व कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता व सब इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सहित पांच कार्मिकों के विरुद्ध भारत-चीन सीमा पर सामान की आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया था। जांच में अशोक कुमार गुप्ता एवं सुधीर कुमार आरोपित पाए गए।
जवानों के लिए दिए गए सामान में हुई थी हेराफेरी
इसके बाद 19 अगस्त 2021 को सीबीआई को शिकायत दी गई। आरोप था कि उत्तराखंड के चमोली जनपद में भारत के प्रथम गांव माणा के पास भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की सीमा चौकियों पर तैनात जवानों के लिए कुल 9784 लीटर हीटिंग तेल (आग तापने के लिए) के एक टैंकर के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई थी। इसके अतिरिक्त आइटीबीपी की सीमाद्वार स्थित कैंटीन से जवानों के लिए भेजे जाने वाले राशन के सामान में भी हेराफेरी का आरोप लगाया गया।
हीटिंग तेल के टैंकर में हुई गड़बड़ी
सीबीआई जांच में पता चला कि बटालियन के रिकॉर्ड के अनुसार छह अगस्त-2018 को माणा क्षेत्र स्थित चार पोस्ट माणा, घासतौली, राताकोना और कोठियासैन पर सब्सिडी वाले हीटिंग तेल के दो टैंकर पहुंचे थे। रिकार्ड में यह भी दिखाया गया है कि पोस्ट पर छह अगस्त-2018 को लाइन समिति आयोजित की गई थी। रिकार्ड में दर्ज था कि इन पोस्ट पर दो टैंकर यानी कुल 19568 लीटर हीटिंग तेल स्टाक में लिया गया था, लेकिन जांच में पता चला कि केवल एक टैंकर ही पोस्ट पर पहुंचा था, जबकि दूसरा केवल रिकार्ड में दर्शाया गया था।
कैंटीन में भी सामान खरीद में हुई थी गड़बड़ी
इसके साथ ही पूर्व कमांडेंट अशोक गुप्ता व उप निरीक्षक सुधीर कुमार को आइटीबीपी की वेट कैंटीन में सामान की खरीद में गड़बड़ी का आरोपी भी पाया गया। जांच में पता चला कि कैंटीन में सामान की खरीद केंद्रीय पुलिस कैंटीन के माध्यम से नहीं, बल्कि स्थानीय बाजार से बिना किसी निविदा प्रक्रिया के की गई। सीबीआई ने जांच के बाद 20 जुलाई 2022 को आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमे में पूर्व कमांडेंट, उप निरीक्षक के साथ ही हरिद्वार के पेट्रोल पंप स्वामी गिरीश सहगल को भी नामजद किया गया।
हरिद्वार में खाली कर दिया था टैंकर
सीबीआई ने जब प्रकरण की विवेचना की तो पता चला कि चार अगस्त-2018 को इंडियन ऑयल के रुड़की डिपो से हीटिंग तेल का टैंकर चला था, जिसे छह अगस्त को माणा पहुंचना था। इस टैंकर को हरिद्वार में गिरीश सहगल के पेट्रोल पंप पर खाली कर दिया गया।