उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का तीन दिवसीय प्रथम सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार की ओर से नए वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माह के लिए लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया जाएगा।
अभिभाषण में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने समेत सरकार के पांच साल के रोडमैप की झलक दिखेगी। सत्र में दो अध्यादेश भी विधेयक के रूप में पेश किए जाएंगे। उधर, विपक्ष ने सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब देने को अपने तरकश में तीर तैयार किए हैं। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। सोमवार को विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में पहले दिन की कार्यसूची तय की गई। बताया गया कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) का अभिभाषण होगा। उत्तराखंड का राज्यपाल बनने के बाद यह उनका पहला अभिभाषण है। दोपहर बाद तीन बजे से विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन करने के साथ सत्र शुरू होगा। शाम चार बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। अगले दिनों की कार्यसूची के लिए मंगलवार शाम को फिर से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। सत्र के दौरान उत्तराखंड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अध्यादेश और उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा संशोधन अध्यादेश विधेयक के रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अध्यक्ष के रूप में पहली बार सदन संचालित करना उनके लिए गौरवपूर्ण क्षण होने के साथ ही चुनौती भी है। उन्होंने सभी सदस्यों से सदन के शांतिपूर्वक व सुचारू रूप से संचालन में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सदन में राज्य के विकास व जनहित से जुड़े विषयों पर सकारात्मक चर्चा होगी। सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों के सदस्यों को समान अवसर दिया जाएगा।
उधर, सत्र के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपनी-अपनी रणनीति तय की है। भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा गया, ताकि विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी विषय का तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब दिया जा सके। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधानमंडल दल की बैठक में भी सत्र की तैयारियों पर चर्चा के साथ ही सरकार को विभिन्न विषयों पर घेरने का निश्चय किया गया।
कार्यमंत्रणा में नहीं था कांग्रेस का कोई सदस्य
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मुख्य विपक्ष कांग्रेस का कोई सदस्य उपस्थित नहीं था। बताया गया कि बैठक के लिए कांग्रेस को सूचना भेजी गई थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का चयन न होने के चलते पार्टी ने अपना कोई प्रतिनिधि भी नामित नहीं किया। समिति में मुख्य विपक्षी दल के दो सदस्य होते हैं। यद्यपि, कोरम पूरा था। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा विधायक खजानदास, बसपा विधायक दल के नेता मो. शहजाद उपस्थित थे।