बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस बार फिर हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर मुस्लिम कार्ड खेला है। इन दोनों सीटों से बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसा कर बसपा ने मुस्लिम मतदाताओं को भी अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया है। बसपा की रणनीति यह है कि यदि अनुसूचित जाति के साथ मुस्लिम समाज का वोट भी पार्टी के पक्ष में लामबंद हो जाता है तो इन सीटों पर पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। प्रदेश में बसपा तीसरे सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित है। विधानसभा चुनावों में तो बसपा के प्रत्याशी जीत दर्ज करते रहे हैं, लेकिन पार्टी अभी तक लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खोल पाई है।
वोट तो अच्छे मिलते हैं, लेकिन मिलती है हार
लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशियों को अच्छे वोट मिलते रहे हैं, लेकिन जीत उनसे दूर ही रही। हरिद्वार और उधम सिंह नगर में अनुसूचित जाति को बसपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है और चुनाव में जब भी मुस्लिम मतदाता बसपा के साथ आए हैं तो उसका प्रदर्शन निखरा है। प्रदेश में ऐसा नजर भी आया है। यही कारण है कि विधानसभा चुनावों में पार्टी का इन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन भी रहा है।
जीते थे तीन मुस्लिम प्रत्याशी
राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी के सात प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। जीतने वाले प्रत्याशियों में तीन मुस्लिम समुदाय से थे। इनमें हरिद्वार की बहादराबाद सीट से शहजाद और मंगलौर सीट से निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की थी। वहीं नैनीताल जिले की लालढांग सीट पर तसलीम अहमद विजयी हुए थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में हरिद्वार से बसपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की। दोनों ही प्रत्याशी मुस्लिम थे।
इस समीकरण को देखते हुए बसपा ने उतारे प्रत्याशी
इनमें मंगलौर विधानसभा सीट से सरबत करीम अंसारी और लक्सर विधानसभा सीट पर शहजाद ने जीत दर्ज की। अब इस समीकरण की ताकत के आधार पर ही बसपा ने हरिद्वार सीट पर उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक जमील अहमद को मैदान में उतारा है। जमील अहमद के राजनीतिक अनुभव को देखते हुए बसपा को उनसे काफी उम्मीद है। हरिद्वार में बसपा की कोशिश मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की होगी।
मुस्लिम मतदाताओं पर बसपा का फोकस
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर भी मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं। हल्द्वानी के बनभूलपुरा प्रकरण के बाद यहां के मुस्लिम मतदाताओं पर सभी विपक्षी दलों की नजर हैं। ऐसे में बसपा ने यहां से मुस्लिम समुदाय से अख्तर अली को चुनावी मैदान में उतार कर इस वोट बैंक को अपने पाले में लाने की रणनीति अपनाई है। इन दोनों सीटों से बसपा 2014 में भी मुस्लिम प्रत्याशी उतार चुकी है। तब हरिद्वार से हाजी मोहम्मद इस्लाम और नैनीताल ऊधमसिंह नगर सीट पर लईक अहमद को टिकट दिया गया था। अब देखना यह है कि बसपा का यह समीकरण चुनाव में क्या रंग दिखाता है।