चारधाम यात्रा के लिए 31 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण स्थगित कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्था की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत यह निर्णय लिया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री धामी चारधाम यात्रा व्यवस्था पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली से लौटते ही सोमवार को उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में यात्रा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार उन्हें भेजा जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को अन्य धार्मिक व पौराणिक स्थलों में जाने को भी प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने गढ़वाल मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को डायवर्जन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि बिना पंजीकरण के उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर चुके जो श्रद्धालु चारों धामों के अलावा अन्य धार्मिक व पर्यटक स्थलों में जाना चाहते हैं, उन्हें वहां भेजा जाए। साथ ही स्पष्ट किया कि चारों धामों में निर्धारित संख्या और तय मानकों के अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाएगा। इसके लिए उन्होंने टूर आपरेटर के लिए एडवाइजरी जारी करने को कहा। तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी करेगा ई-स्वास्थ्य धाम एप चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग व विश फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से ई-स्वास्थ्य धाम एप की शुरुआत की है। इस एप ने कार्य करना शुरू कर दिया है। चारधाम यात्रा के पंजीकरण पोर्टल पर इस एप को रखा गया है, जहां यात्री अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देंगे।
गंगोत्री-यमुनोत्री राजमार्ग
अब संकरे स्थान और अंधे मोड़ों पर ही लग रहा जाम
शासन-प्रशासन के प्रयासों के बाद गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर यातायात व्यवस्था सुचारू होने की तरफ बढ़ रही है। अब संकरे स्थान और अंधे मोड़ों पर ही जाम लग रहा है। यह स्थिति भी पुलिस की गैर मौजूदगी के कारण है। गंगोत्री राजमार्ग उत्तरकाशी से धाम तक 28 स्थानों पर संकरा है, जबकि यमुनोत्री राजमार्ग पर सिलक्यारा से जानकीचट्टी तक आठ जगह यह स्थिति है। इसकी वजह चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के तहत काम नहीं हो पाना है। इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खोले गए थे। शुरुआत में तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से 105 किमी दूर गंगोत्री पहुंचने में 12 से 15 घंटे तो बड़कोट से 55 किमी दूर जानकीचट्टी (यमुनोत्री) पहुंचने में 10 से 12 घंटे लग रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सरकारी तंत्र के मोर्चा संभालने के बाद इससे राहत मिली। जिसके बाद अब यह सफर चार से पांच घंटे में पूरा हो रहा है।
केदारनाथ में अब गर्भगृह में जाकर कर सकेंगे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन
केदारनाथ मंदिर में अब श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। सोमवार को तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के बाद देर शाम प्रशासन और मंदिर समिति के बीच वार्ता में गर्भगृह में जाकर दर्शन करने पर सहमति बनी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने 11 मई को गर्भगृह में जाकर दर्शन करने पर रोक लगा दी थी। अब तक सभा मंडप से ही श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर रहे थे। हेली सेवा से आने वाले यात्रियों को वीआईपी दर्शन करने की व्यवस्था भी बहाल कर दी गई है। वहीं, पंचकेदार में द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर मंदिर के कपाट सोमवार सुबह सवा ग्यारह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस मौके पर 350 से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा मध्यमेश्वर के दर्शन किए।