रामलला की मूर्ति स्थापित किए जाने की तिथि निकट आने के साथ राम मंदिर निर्माण में उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है। वहीं यहां संत समाज, नेता और अभिनेताओं का आना लगा है। रविवार को प्राण प्रतिष्ठा के पहले भव्य राम मंदिर का अवलोकन करने सैकड़ों संत पहुंचे।
राम मंदिर परिसर पहुंचे 300 से अधिक साधु संत
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आज संतों को आमंत्रित किया था। प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर का भूतल बन कर तैयार हो गया है और यहां 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
दिसम्बर तक कार्य पूरा होने का लक्ष्य
राम मंदिर का भूतल तो दो माह पूर्व ही निर्मित हो गया है और इन दिनों उसमें प्रयुक्त 166 स्तंभों पर मूर्तियां उत्कीर्ण किए जाने के साथ फर्श का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर तक यह कार्य पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इसी के साथ राम मंदिर के प्रथम तल का भी निर्माण चल रहा है। समझा जाता है कि अगले वर्ष के मध्य तक प्रथम तल का और दिसंबर 2025 तक मंदिर के तीनों तल का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा। यद्यपि मंदिर निर्माण का अभियान तब रुकेगा, जब मंदिर के साथ 75 एकड़ का संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर विकसित हो जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना इस परिसर को त्रेतायुगीन सांस्कृतिक उपनगरी के रूप में विकसित करने की है।
चार अक्टूबर को तय होगी राम नाम यज्ञ की रूपरेखा
रामलला की मूर्ति स्थापना के उत्सव में संयोजित राम नाम महायज्ञ की तैयारी आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में इस महनीय अनुष्ठान के सूत्रधार एवं दिग्गज संत स्वामी आत्मानंददास ‘नेपाली बाबा’ ने अपने आश्रम नारायणधाम में आमंत्रित कर पूर्व सांसद एवं मंदिर आंदोलन के नायकों में शामिल रहे डा. रामविलासदास वेदांती से मंत्रणा की। तय किया गया कि चार अक्टूबर को पूर्वाह्न नारायण धाम में ही संत सभा के माध्यम से राम नाम जप महायज्ञ की रूपरेखा को अंतिम स्पर्श दिया जाएगा।
राभक्तों के लिए दोनों समय होगी भाेजन की व्यवस्था
राम नाम महायज्ञ में 21 हजार लोग 10 दिनों तक राम नाम जप के साथ हवन कुंड में आहुतियां डालेंगे, दोनों समय विशाल भंडारा चलेगा, जिसमें यज्ञ से जुड़े श्रद्धालुओं के अलावा प्राण प्रतिष्ठा में शामिल एक लाख राम भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था होगी।