प्रदेश में अगले साल होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की आठ स्पर्धाएं हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होंगी। इसके लिए 350 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। खेल मंत्री रेखा आर्या की अनुपस्थिति में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधायक मोहन सिंह बिष्ट के प्रश्न के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी।
मंत्री अग्रवाल ने यह भी बताया कि 12 अगस्त 2022 को खेल विभाग को हस्तांतरित होने के बाद इस स्टेडियम में राष्ट्रीय व राज्य स्तर की एक-एक और जिला स्तर की तीन स्पर्धाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा वर्तमान में विभिन्न खेल विधाओं के सात प्रशिक्षण चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी राष्ट्रीय खेल संघ की ओर से स्टेडियम में मान्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा आयोजित करने का प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार उस पर विचार करेगी। विधायक सुमित हृदयेश ने अनुपूरक प्रश्न के माध्यम से पूछा कि यह क्रिकेट स्टेडियम था, लेकिन वहां कोई मैच नहीं हुआ। इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि स्टेडियम में सभी प्रकार की खेल गतिविधियां संचालित की जाएंगी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक प्रीतम सिंह ने भी स्टेडियम से जुड़े अनुपूरक प्रश्न रखे।
आइस स्केटिंग रिंक का एक दिन का खर्च एक लाख रुपये
देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कालेज परिसर में वर्ष 2010 में 56.62 करोड़ रुपये की लागत से बने आइस स्केटिंग रिंक के संचालन को सरकार प्रयासरत है। इसके संचालन पर एक दिन में 90 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्च आएगा। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधायक बृजभूषण गैरोला के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 से 2012 तक इस रिंक में चार प्रतियोगिताएं हुई। कार्यदायी संस्था की ओर वाद दायर किए जाने के कारण इसके बाद कोई स्पर्धा नहीं हुई। वर्ष 2015 में रिंक की मरम्मत कर इसके संचालन को पीपीपी मोड में निविदाएं आमंत्रित की गईं। वर्ष 2018 में इसे आइएलएफएस टाउनशिप एंड अरबन एसेट्स लिमिटेड को दिया गया। कोरोना महामारी के कारण इस कंपनी की वित्तीय स्थिति प्रतिकूल होने के कारण उसने नेशनल कंपनी कानून न्यायाधिकरण में वाद दायर किया है। न्यायाधिकरण से आदेश पारित होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में शामिल होंगे किन्नर
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या की अनुपस्थिति में संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में एकल निराश्रित, परित्यक्ता, विधवा महिलाओं को उनके गांव व क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना जल्द लाई जाएगी। किन्नर भी इस योजना में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में संचालित होने वाली इस योजना के संबंध में जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य में एकल महिलाओं की संख्या 4.18 लाख है।
महिला व युवक मंगल दलों के लिए कई योजनाएं
संसदीय कार्यमंत्री ने विधायक सुरेश गढ़िया के प्रश्न के उत्तर में बताया कि राज्य में पंजीकृत महिला व युवक मंगल दलों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मंगल दलों को राज्य सेक्टर व जिला योजना से प्रतिवर्ष धनराशि दी जा रही है। उन्होंने इसका ब्योरा भी रखा।