भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव में पार्टी किसे टिकट देगी, इसे लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच टिकट के आलोक में अंदरखाने चल रही खींचतान और इंटरनेट मीडिया में आई पोस्ट से पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व को असहज भी होना पड़ा है। इस परिदृश्य के बीच सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं। पार्टी के सामने इस सीट को अपने पास बनाए रखने की चुनौती है। माना जा रहा कि इसे देखते हुए उपचुनाव में प्रत्याशी चयन के दृष्टिगत पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व सभी पहलुओं पर गहनता से मंथन कर रहा है। एक-दो दिन में प्रत्याशी की घोषणा पार्टी करेगी।
शैलारानी रावत के निधन के कारण रिक्त हुई सीट
विधानसभा की केदारनाथ सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण रिक्त हुई है। हाल में हुए बदरीनाथ व मंगलौर सीटों के उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के सामने केदारनाथ सीट को अपने पास बनाए रखने की चुनौती है। इस दृष्टि से पार्टी ने काफी पहले से ही मोर्चा संभाल लिया था। उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद पार्टी ने प्रत्याशी चयन के दृष्टिगत कसरत की। फिर प्रदेश नेतृत्व ने छह दावेदारों के नाम का पैनल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया था, लेकिन अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। ऐसे में टिकट के दावेदारों में पार्टी के भीतर खींचतान भी चल रही है। सभी ने अपने-अपने माध्यम से ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। इस सबके बीच दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत की ओर से इंटरनेट मीडिया में आई पोस्ट ने पार्टी को असहज कर दिया।
इसके बाद पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व ने ऐश्वर्य से बातचीत कर स्थिति स्पष्ट की। बताया गया कि किसी ने ऐश्वर्य का इंटरनेट मीडिया के एक प्लेटफार्म का अकाउंट हैक कर यह पोस्ट डाली। ऐश्वर्य की ओर से इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की बात कही गई है।
यद्यपि, इस घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चा होने लगी। ये कहा जा रहा है कि पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट के उपचुनाव में टिकट किसे दें, इसे लेकर ऊहापोह बना है। समझा जा रहा है कि टिकट न मिलने से नाराज होने की दशा में संबंधित दावेदारों को सरकार व संगठन में दायित्व दिए जा सकते हैं। इस परिदृश्य के बीच सबकी नजर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी हैं कि वह किसे प्रत्याशी बनाता है।