पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि लोकसभा में कूदने और स्मोक बम फोड़ने वालों के कृत्य की तुलना भगत सिंह से करना पूर्णत: अनुचित है। संसद व भारत की सुरक्षा की यह चूक भाजपा के सांसद की गलती से हुई है। उसे छिपाने के लिए भाजपा इस मुद्दे को जानबूझकर भगत सिंह के मान-अपमान से जोड़ रही है। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भगत सिंह देश की आजादी के लिए सिर पर कफन बांधकर फांसी पर चढ़े। किसी और व्यक्ति से भगत सिंह की तुलना नहीं की जा सकती है। भगत सिंह शहीद-ए-आजम हैं। वह चांद, सितारे और सूरज की तरह हैं और अतुलनीय हैं।
सारे मामले का एक ही तर्कसंगत जवाब है कि प्रधानमंत्री को तत्काल लोकसभा में आना चाहिए था और संसद व देश की सुरक्षा के लिए आश्वस्त करना चाहिए था। भाजपा अब सफाई में कुछ भी कहे, लेकिन संसद व भारत की सुरक्षा की यह चूक उनके सांसद की गलती से हुई है।
इसे छिपाने के लिए कभी टीएमसी कनेक्शन तो कभी इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इनसेट किसानों की समस्याओं को लेकर मौन व्रत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को प्रदेश के किसानों की समस्याओं को लेकर अपने आवास पर मौन व्रत रखा।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसान को यूरिया के अतिरिक्त दूसरी खाद मिल नहीं पा रही है। किसान परेशान हैं। गन्ने पर इस साल जल भराव के कारण स्टेम बोरर और धूप का ज्यादा प्रकोप हो गया है। तराई के किसान ने रिकार्ड धान पैदा किया है। नींबू, नारंगी और माल्टा सरकार के लिए सौतेले फल हो गए हैं। इनका खरीद मूल्य नहीं बढ़ाया गया है।