लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस समेत विपक्ष के बड़े नेताओं के भविष्य का फैसला भी मंगलवार को मतगणना के बाद हो जाएगा। बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के अलावा कांग्रेस व अन्य दलों के आठ पूर्व विधायकों ने पिछले कुछ महीनों में भाजपा का दामन थामा। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि इन नेताओं के चुनाव क्षेत्र में इस चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन और पार्टी प्रत्याशी के हिस्से आने वाले मत तय करेंगे कि भविष्य में इन्हें क्या भूमिका दी जाएगी।
दलबदल का खेल
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के साथ ही दलबदल का खेल भी यहां आरंभ हो गया था। मुख्यतया लोकसभा व विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने की प्रक्रिया तेज होती है। वर्ष 2007 में भाजपा के सत्ता में आने पर भुवन चंद्र खंडूड़ी मुख्यमंत्री बने। उस समय वह गढ़वाल लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। विधायक बनने के लिए उन्होंने धुमाकोट से कांग्रेस विधायक टीपीएस रावत का इस्तीफा कराया और उपचुनाव में जीत दर्ज की। रावत ने लोकसभा का उपचुनाव लड़ा और सांसद बने। भाजपा को उसी की तर्ज पर कांग्रेस ने वर्ष 2012 में जवाब दिया, जब टिहरी गढ़वाल से लोकसभा सदस्य विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बने। बहुगुणा के लिए सीट छोड़ी ऊधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत सितारगंज सीट से भाजपा विधायक किरण मंडल ने। इसके ऐवज में मंडल को कुमाऊं मंडल विकास निगम में मंत्री पद के दर्जे के साथ जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के क्षत्रप सतपाल महाराज भाजपा में चले गए। वर्ष 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हुए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य भी भाजपा में चले गए। यद्यपि वर्ष 2016 में कांग्रेस छोडऩे वाले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत व यशपाल आर्य वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में वापस लौट गए।
अभियान के दौरान लगभग 15 हजार लोग भाजपा में शामिल
यही क्रम पिछले कुछ महीनों में जारी रहा। बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के अलावा जो अन्य पूर्व विधायक भाजपा में गए, उनमें कोटद्वार से पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, टिहरी से विजयपाल सजवाण, मालचंद, महावीर रांगड़, पूर्व मंत्री दिनेश धनै, देहरादून से पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, भीमताल से पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, हरिद्वार से पूर्व विधायक हरिदास शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी, उक्रांद समेत अन्य दलों व संगठनों के नेता, नगर निकायों और पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी भाजपा का दामन थामा। पार्टी के मुताबिक ज्वाइनिंग अभियान के दौरान लगभग 15 हजार लोग भाजपा में शामिल हुए।