
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि कुशल प्रशिक्षण सेना की बुनियाद होती है। अच्छे प्रशिक्षण के बिना एक अच्छे सैनिक की कल्पना नहीं की जा सकती। अब सैन्य प्रशिक्षण में नई तकनीक का समावेश किया जा रहा है। इस दिशा में कुमाऊं व नागा रेजिमेंट सेंटर बेहतरीन कार्य कर रहा है।
सेनाध्यक्ष बोले- आज परिवर्तन का दौर है
भारतीय सेना हर परिस्थिति में शांति बनाए रखने के लिए सतर्क व प्रतिबद्ध है। आज परिवर्तन का दौर है। आधुनिकीकरण व तकनीक के समावेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रयासों से आने वाले वर्षों में भारतीय फौज को और अधिक मजबूती एवं बेहतरीन युद्ध कौशलता हासिल होगा। उन्होंने तीन-नागा रेजिमेंट को भारतीय सेना की साहसी व बेहतरीन रेजिमेंट बताया। आह्वान किया कि नागा जांबाज लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर फौज और अपनी रेजिमेंट का नाम रोशन करें।
थल सेनाध्यक्ष शुक्रवार को भारतीय सेना की कुमाऊं एवं नागा रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय के सोमनाथ मैदान में राष्ट्रपति ध्वज निशान प्रस्तुति (प्रेसिडेंट्स कलर प्रजेंटेशन) कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, यह अत्यंत हर्ष और गौरव का विषय है कि वह राष्ट्रपति की ओर से प्रदत्त ध्वज निशान तीन-नागा रेजिमेंट को सौंप रहे हैं। सभी रैंक को शुभकामना देते हुए कहा कि तीन-नागा रेजिमेंट भारतीय सेना की बेहतरीन रेजिमेंट है।
इसका इतिहास, साहस, शौर्य व बलिदान की वीरगाथाओं से भरा पड़ा है। इस रेजिमेंट ने विभिन्न आपरेशन में साहस व रणकौशल का अद्भुत प्रदर्शन किया है। इसके लिए बैटल व थिएटर आर्नर एवं कई वीरता पुरस्कारों से सुशोभित किया जा चुका है।
भूतपूर्व सैनिकों के योगदान को भी अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि नागा रेजिमेंट को यहां तक पहुंचने में भूतपूर्व फौजियों की निष्ठा और मेहनत की बड़ी भूमिका रही है। जनरल ने कहा कि जो शूरवीर दुनिया में नहीं हैं, उन्हें श्रद्धांजलि। विश्वास दिलाया कि भारतीय सेना सदैव वीर सपूतों के स्वजन के साथ खड़ी रहेगी।