पिछले कुछ वक्त से डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। वैसे तो डेंगू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन बच्चों में इस बीमारी का असर तेजी से होता है। बच्चे अक्सर घर से बाहर खेलते हैं। ऐसे में बच्चे आसानी से डेंगू की चपेट में आ सकते हैं। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पिछले कुछ समय से रोजाना 10 से 12 बच्चे इन लक्षणों के साथ भर्ती किए जा रहे हैं।
बाल रोग विभाग में डेंगू पीड़ित 15 मरीज भर्ती
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल के बाल रोग विभाग में 8 आइसीयू बेड व 15 आक्सीजन बेड का वार्ड स्थापित किया गया है। अभी बाल रोग विभाग में डेंगू पीड़ित 15 मरीज भर्ती हैं। डा. सयाना के अनुसार बच्चों में डेंगू के लक्षण बड़ों की तुलना में हल्के होते हैं। वायरल फ्लू की तरह ही डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं।
जुलाई से अब तक 200 प्लेटलेट काउंट कम के मामले
उन्होंने बताया कि व्यस्क मरीजों के लिए 60 बेड का वार्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से रोजाना 10 से 15 मरीज डेंगू के लक्षणों के साथ भर्ती किए जा रहे हैं। जुलाई माह से अब तक इन लक्षणों वाले 200 मरीज, जिनमें प्लेटलेट काउंट भी कम हुआ, भर्ती किए गए। इनमें से 95 मरीजों का एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। फिलहाल अस्पताल में डेंगू के लक्षणों वाले 49 मरीज भर्ती हैं।
बच्चों का करें बचाव
बारिश के मौसम में बच्चों को अनावश्यक बाहर न निकलने दें।
स्कूल या बाहर भेजने से पहले मोस्किटो रेपेलेंट लगा दें।
बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।
पानी भरी हुई जगह और घास आदि से बच्चों को दूर रहने के लिए कहें।
घर की साफ सफाई रखें। मच्छर मारने वाली दवा का इस्तेमाल करें।
शाम को खिड़की दरवाजे बंद रखें।
घर में पानी जमा करके न रखें।