उत्तराखंड में विभिन्न भर्तियों में गड़बड़ी के प्रकरण को लेकर नेताओं द्वारा दिल्ली में दिए गए बयानों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि राज्य में घपले-घोटालों की जनक कांग्रेस ही रही है, जबकि भाजपा इस भाव से कार्य कर रही है कि गड़बड़ी जहां और जिस समय हुई, उसकी जांच हो।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार घपले-घोटालों की जांच कर बेरोजगारों को न्याय दिलाने का प्रयास कर रही है, जबकि कांग्रेस का उद्देश्य केवल राजनीति करना और इसमें भी अपना पुनर्वास करना है। उसे बेरोजगारों के हितों की कोई चिंता नहीं है और वह इस मामले में सिर्फ दिखावा कर रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि घपला जिस भी कालखंड में हुआ, उसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच में जुटी एसटीएफ के बेहतर प्रदर्शन की सराहना करने की बजाए कांग्रेस उसकी मंशा पर ही प्रश्न उठा रही है, जबकि भाजपा नैतिक साहस दिखाकर स्वयं जांच के लिए आगे आई है। विधानसभा में हुई नियुक्तियों पर हल्ला मचाने वाली कांग्रेस को यह सोचने की आवश्यकता है कि उसकी सरकार के कार्यकाल में जब विधानसभा में 158 नियुक्तियां हुईं, तब वह इन्हें सही ठहराने में लगी थी। तब तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र, पुत्रवधू समेत परिवार के 13 व्यक्तियों को नौकरी दी गई थी। इसके अलावा अन्य कई कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों को भी विधानसभा में नौकरियां दी गईं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री सहमति जता चुके हैं। इसके अलावा 2015-16 में हुए दारोगा भर्ती घोटाले की जांच भी वर्तमान सरकार विजिलेंस को सौंप चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में अनगिनत घपले-घोटाले हुए और इसी वजह से जनता ने उसे हाशिये पर डाल दिया।
कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री के स्टिंग आपरेशन को कांग्रेस हाईकमान खुली आंख से देखता रहा। कांग्रेस के समय में जांच तो दूर इसके नाम पर केवल लीपापोती की जाती थी।उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य के अपने नेताओं को समय पर सीख देते तो भ्रष्टाचार की बुनियाद नहीं पड़ती।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में हुई गड़बड़ियों का भी संज्ञान लेकर सरकार जांच करा रही है। यह भविष्य में एक नजीर बनेगी और राज्य में पारदर्शिता लाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर उपदेश दे रहे कांग्रेस के केंद्रीय नेता तब क्यों खामोश रहे, जब राज्य में उनके कर्त्ता-धर्त्ता घोटालों की इमारत खड़ी कर रहे थे।