सचिवालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से महिला ने 10 लाख रुपये ठग लिए। महिला ने खुद को राज्य सरकार के आयुष विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत बताया और नौकरी के लिए 27 लाख रुपये मांगे थे। इसमें से 16 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन दस लाख से अधिक अभी तक वापस नहीं किए। इस दौरान महिला ने व्यक्ति को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था। शिकायत के बाद नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नेहरू कालोनी के थाना प्रभारी मोहन सिंह ने बताया कि ऋषिकेश निवासी अमित कुमार ने तहरीर दी कि विगत वर्ष ऋषिकेश में योग सीखने के के दौरान उसकी पहचान दीपक रावत निवासी महानंदा कालोनी, भट्टोवाला रोड, गुमानीवाला, ऋषिकेश से हुई। जिससे उसने अपने छोटे भाई की नौकरी के बारे में बात की।
दीपक रावत ने कहा कि उसका एक मित्र अंकित नैथानी है, जो कि रविकांता शर्मा निवासी अलकनंदा एन्क्लेव, जोगीवाला को जानता है। वह सरकार में वरिष्ठ सहायक के पद पर जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय नरेंद्र नगर, टिहरी गढ़वाल में कार्यरत है।
इसके बाद पीड़ित ने रविकांता शर्मा से मुलाकात की तो महिला ने बताया कि उसने काफी बेरोजगारों की नौकरी ओएनजीसी, सचिवालय, स्वास्थ्य विभाग, विधानसभा आदि जगहों पर लगाई है। विश्वास जीतने के लिए महिला ने अपने मोबाइल नंबर पर कई लोगों के ट्रांजेक्शन दिखाए। रविकांता शर्मा ने कहा कि विधानसभा की नियुक्तियां निकली थीं, जिसका नोटिफिकेशन हो रखा है। यह भर्ती वर्ष 2022 में होनी है। नौकरी लगानी है तो तुरंत 27 लाख रुपये खाते में जमा करने होंगे। फरवरी-मार्च 2023 तक उत्तराखंड प्रशासन से भाई की नियुक्ति का प्रार्थना पत्र उत्तराखंड सचिवालय से आ जाएगा।
पीड़ित के मुताबिक वह महिला के झांसे में आ गया और दस लाख रुपये महिला के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद महिला ने सचिवालय में भर्ती का एक नोटिफिकेशन भेजा और कहा कि ज्वाइनिंग लेटर तैयार हो गया है। धीरे-धीरे करके महिला ने उनसे 27 लाख रुपये ठग लिए। कुछ रकम रविकांता के अलावा दीपक रावत, नरेंद्र प्रकाश शर्मा और प्रिया शर्मा के खाते भी डाली गई। महिला ने वाट्सएप पर भाई का ज्वाइनिंग लेटर भेजा और दो लाख रुपये मांगे। इसके बाद उसने उन्हें अपने निवास पर बुलाया, लेकिन सचिवालय में मुख्यमंत्री का औचक निरीक्षण का बहाना बनाकर वापस लौटा दिया। नियुक्तिपत्र की जांच कराई गई तो वह फर्जी पाया गया। दबाव बनाने पर उसने 17 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन शेष रकम वापस नहीं की। शिकायत के बाद पुलिस ने रविकांता शर्मा, दीपक रावत, नरेंद्र शर्मा व प्रिया शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।