मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंटकर राज्य की लंबित सड़क परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुमाऊं से गढ़वाल मंडल को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-87ई (109)(ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग) को शीघ्र अनुमोदित किया जाए। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आश्वस्त किया कि इस परियोजना की डीपीआर को इसी माह हरी झंडी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सीआइआरएफ (द सेंटर फार रिसर्च इन इंटरनेशनल फाइनेंस) में उत्तराखंड के लिए 250 करोड़ रुपये की परियोजना को स्वीकृति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने ग्वालदम-सिमली के साथ बागेश्वर-जौलजीवी तक 305 किमी सड़क के चौड़ीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। उन्होंने गडकरी से पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा से क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों को सुचारू करने के लिए सावधि जमा प्राप्ति (सी) के अंतर्गत धनराशि का भुगतान करने का अनुरोध किया।
गडकरी ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत का प्रस्ताव पुन: भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कि राज्य के लोक निर्माण विभाग को राष्ट्रीय राजमार्ग-109के के ज्यामितीय सुधार एवं चौड़ीकरण कार्य के लिए निर्माण एजेंसी नामित किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति दी है।
मसूरी की टनल परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश:
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने मसूरी की महत्वपूर्ण दो-लेन टनल परियोजना के कार्य को शीघ्रता से करने के एनएचएआइ के अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-123 (507) डामटा से बड़कोट के दो-लेन चौड़ीकरण को को डीपीआर लागत 367.35 करोड़ स्वीकृत करने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि यह मार्ग चारधाम यात्रा का वैकल्पिक मार्ग है। केंद्रीय मंत्री ने इसकी स्वीकृति शीघ्र देने का भरोसा दिया। देहरादून रिंग रोड निर्माण कार्य के लिए संरेखण की कार्यवाही अंतिम दौर में है। इस पर भी सकारात्मक रुख केंद्रीय मंत्री का रहा है।
उत्तराखंड-हिमाचल को जोडऩे वाले मार्ग की डीपीआर को स्वीकृति शीघ्र
उत्तराखंड एवं हिमाचल को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-72 बी (707)(फेडिज से सनैल) के दो-लेन में परिवर्तन के समरेखण प्रस्ताव को शीघ्र अनुमोदित करने पर गडकरी ने सहमति दी। साथ ही श्रीनगर शहरी क्षेत्र में अत्यधिक यातायात घनत्व को देखते हुए बाइपास योजनाओं के लिए भी अनुरोध किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन दोनों योजनाओं की डीपीआर इसी माह स्वीकृत की जाएगी। बैठक में उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज व सचिव डा पंकज पांडेय भी उपस्थित थे।
धामी ने टनल प्रोजेक्ट पर गडकरी से मांगा सहयोग:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों विशेषकर पिथौरागढ़ जिले के कई मार्गों पर टनल परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से कई किमी दूरी कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री को खटीमा-पीलीभीत बाइपास और खटीमा में दो आरओबी के निर्माण पर भी सकारात्मक रुझान मिला है।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को बताया कि पिथौरागढ़ जिले में जौलिकांग (व्यास घाटी) से बेदाग के मध्य पांच किमी टनल निर्माण, एवं सिपु तक 20 किमी मार्ग सहित किए जाने से बीआरओ एवं सीपीडब्ल्यूडी निर्मित तवाघाट से वेदांग तक मार्ग संयोजित हो जाएगा। इससे जौलिकांग और बेदांग की दूरी 161 किमी कम हो जाएगी। सिपु से तोला के मध्य 22 किमी लंबाई की टनल से दारमा वैली और जोहार वैली एकदूसरे से जुड़ जाएंगे। जोहार वैली से चमोली जिले का लत्थल सड़क मार्ग को जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इन तीन टनल मार्गों एवं 20 किमी सड़क बनने से जौलिकांग से लप्थल की दूरी लगभग 42 किमी हो जाएगी। वर्तमान में यह 490 किमी है। उन्होंने गो गांव से आगे वेदांग गांव को जोडऩे के लिए दोनों ओर से 19 किमी लंबाई के मोटर मार्ग एवं लगभग तीन किमी लंबाई के टनल निर्माण को स्वीकृति देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने खटीमा-पीलीभीत बाइपास का निर्माण एनएचएआइ के माध्यम से कराने का अनुरोध किया। नितिन गडकरी ने इस पर विचार करने की बात कही। खटीमा में लाघाट वनमहोलिया मार्ग और खटीमा लोहियाहैड मार्ग में आरओबी का निर्माण के लिए मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने परीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मंत्रिमंडल विस्तार पर अभी चर्चा नहीं:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि मंत्रिमंडल में विस्तार उनके दौरे की प्राथमिकता नहीं है। केंद्रीय नेताओं से इस संबंध में चर्चा नहीं हुई। प्रदेश में बाढ़ से सड़कों की क्षति बड़े पैमाने पर हुई है। बीते रोज केंद्रीय गृह मंत्री के साथ हुई भेंट में उन्होंने प्रदेश को बाढ़ से नुकसान और आपदा प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सड़क परियोजनाओं पर की गई चर्चा के बारे में बताया।
पीएमजीएसवाई में सड़क से जुड़ें 150 तक की जनसंख्या वाले गांव:
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में 150 से 249 तक की जनसंख्या वाले गांवों को भी सड़क से जोडऩे के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। इस क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के साथ हुई बैठक में यह विषय प्रमुखता से रखा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएमजीएसवाई में अभी तक 250 की आबादी वाले गांवों को ही सड़क से जोडऩे का प्रविधान है। विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में बसावटों की जनसंख्या कम है।
राज्य की परिस्थितियों को देखते हुए 150 से 249 तक की जनसंख्या वाली बसावटों को भी पीएमजीएसवाई से जोड़ा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में परीक्षण कराने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने पीएमजीएसवाई एक व दो के कार्यों को पूर्ण करने की अवधि 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार जताया। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के संबंध में भी चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि इस योजना के अवशेष लक्ष्यों के दृष्टिगत उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त आवंटन के लिए प्रयास किया जाएगा।