मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मतांतरण, लव जिहाद जैसे प्रकरणों में कानून होने के बाद भी रोक नहीं लगने पर नाराजगी जताई। उन्होंने ऐसे प्रकरणों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। जनसांख्यिकीय परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय बनाने के लिए निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अन्य प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बने, इसके लिए सीमावर्ती जिलों में प्रतिदिन सघन जांच अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्तों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपराध कहां बढ़ रहे हैं और क्यों बढ़ रहे हैं, इस पर चिंतन किया जाए।
कानून व्यवस्था को लेकर सीएम ने दिए निर्देश
अपराधियों के मन में पुलिस का भय और आमजन का पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ना चाहिए। प्रदेश में आभूषण की दुकान पर डकैती सहित अन्य अपराधों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए अधिकारियों में आपसी समन्वय, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, खुफिया तंत्र को प्रभावी बनाने के साथ ही रात्रि पेट्रोलिंग में तेजी लाई जाए। सभी अधिकारी रात्रि में रोस्टर बनाकर क्षेत्र भ्रमण करें। थाने और चौकियों का नियमित निरीक्षण होना चाहिए। यह कार्य कम हो रहा है अथवा नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में आभूषण की दुकान में डकैती प्रकरण में एसपी सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। इस प्रकरण में जो भी जिम्मेदार होगा, उसके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने किरायेदारों और बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर ध्यान देने के निर्देश दिए, साथ में किरायेदार व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चों को बेहतर नागरिक के रूप में तैयार करने पर भी ध्यान देने के लिए अधिकारियों को कहा। कहा कि सरेआम किसी की पिटाई हो जाती है, यह दिखना नहीं चाहिए। वाहनों की जांच हो और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी संस्थान में कार्यरत अथवा अन्य कामगार महिलाओं के लिए गौरा शक्ति एप बनाया गया है। इसे और अधिक सक्रिय बनाया गया है। अपराध से संबंधित शिकायतों के त्वरित निस्तारण और अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार और क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर उन्होंने बल दिया।
साइबर अपराध पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन जागरूकता के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग पर ध्यान देना हाेगा। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी शािमल रहे। डीजीपी अभिनव कुमार, कुमाऊं मंडलायुक्त, सभी जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए।