मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को दो दिवसीय भ्रमण पर दिल्ली पहुंचे। शनिवार को उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट होगी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस दौरान आठ व नौ दिसंबर को देहरादून में होने जा रहे वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को न्योता देंगे। उधर, मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग दुर्घटना में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका।
उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त बनाने के प्रदेश सरकार के संकल्प के दृष्टिगत वैश्विक निवेशक सम्मेलन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी स्वयं इसकी तैयारी में जुटे हैं। सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों के फंसे होने के कारण निवेशक सम्मेलन की तैयारी की गति पर कुछ प्रभाव देखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ दिसंबर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित रह सकते हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी नई दिल्ली पहुंच गए। बताया जा रहा है कि शनिवार को प्रधानमंत्री से भेंट का कार्यक्रम तय होने के कारण ही वह वहां पहुंचे हैं। नई दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग दुर्घटना में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका।
…तो अभियान सफल नहीं होता
केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे। 17 दिन इन जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री यदि पर्याप्त संसाधन एवं मानवीय सहायता प्रदान नहीं करते तो यह अभियान सफल नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को दीपावली की सुबह हादसा होने के बाद शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर उनसे घटना की पूरी जानकारी ली। सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को किसी भी कीमत पर सकुशल बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया था कि मोर्चे पर डटे रहें। मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में संसाधनों और विशेषज्ञों की कमी नहीं रहेगी। शुरू से अंत तक प्रधानमंत्री ने मार्गदर्शन किया और पल-पल की जानकारी लेते रहे। सुरंग से बाहर निकाले गए श्रमिकों से फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य व कुशलक्षेम की जानकारी भी उन्होंने ली। साथ ही श्रमिकों और उनके स्वजन को घर तक छोडऩे की व्यवस्था के निर्देश उन्होंने दिए थे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार आने के बाद एक बड़ा परिवर्तन यह आया कि देश और दुनिया में कहीं भी संकट आया, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने में कमी नहीं छोड़ी। मोदी सरकार ने संकट में आए विदेश में रह रहे व्यक्तियों को भी कभी बेसहारा नहीं छोड़ा। ऐसा पहले की सरकारों में नहीं हुआ करता था। सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके स्वजन को यही विश्वास था कि प्रधानमंत्री हर संसाधन उपलब्ध करा श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे। देश जानता है कि वह पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने श्रमिकों को उच्च कोटि का सम्मान केवल शब्दों से ही नहीं दिया, व्यवहार में भी दिखाया है। वह काशी में मजदूरों के चरण धोते हैं। नई संसद के उद्घाटन में श्रमिकों के साथ भागीदारी करते हैं व उनसे संवाद करते हैं।
प्रधानमंत्री की नीति का ही परिणाम है कि भारत ने न सिर्फ संकटकाल में अपने नागरिकों को बचाया, बल्कि जल, थल, नभ में सफल अभियान चलाकर कई विदेशी नागरिकों के जीवन की भी रक्षा कर दुनिया के सामने मानवता और जबरदस्त टीम वर्क के कई उदाहरण पेश किए।