शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत स्थित श्री सप्तेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के दर्शन किए। शिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव की आराधना कर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुखशान्ति समृद्धि एवं खुशहाली की कांमना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए समस्त क्षेत्रवासियों व प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान सप्तेश्वर महादेव मंदिर के पुर्ननिर्माण का भूमि पूजन करने का शौभाग्य जो मुझे देवभूमि के मुख्य सेवक के रूप में आज प्राप्त हुआ है यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि सप्त ऋषियों ने जहाँ तपस्या की, ऐसा पवित्र व आस्था के इस केन्द्र पर कोई किसी के बुलाने से नहीं आता, यह महादेव का ही आशिर्वाद ही है कि मैं यहाँ पंहुचा हूँ। उन्होंने कहा कि सपतेश्वर प्राचीन मंदिर की स्थापना करने वाले बाबा भैरव गिरि ने जो स्वप्न देखा था आज वह स्वप्न मंदिर के भव्य व दिव्य पुर्ननिर्माण के रूप में पूर्ण होने जा रहा है,भविष्य में भी यहाँ के लिए अनेक योजनाएं सरकार बना रही है, जिसका लाभ क्षेत्रीय जनता को अवश्य मिलेगा। उन्होंने अवगत कराया कि सरकार द्वारा सपतेश्वर के लिए 7 किमी सड़क निर्माण का कार्य चल रहा उसके पूर्ण होने से निश्चित रूप यह स्थान स्वयं में जो भव्यता और दिव्यता से भरा है विकास की ओर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका पूरे विश्व में लहरा रही है और दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और उसके परम वैभव से परिचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म ने कभी भी “स्व“ अर्थात स्वयं की बात नहीं की, इसने सदा “सर्व“ अर्थात सभी की बात की है, यही हमारी विशेषता है, तभी तो हमारे यहां ’“सर्वे भवन्तु सुखिनः“’ बोला जाता है। यही कारण है कि हजारों वर्षों के पश्चात भी विश्व हमारी आस्थाओं, संस्कृति और मान्यताओं के सामने नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि हम अपने धर्म मार्ग से विचलित न हों और जो हमारे सनातन संस्कृति है उस सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए, उसको बचाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई है वहीं हमारी प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुर्ननिर्माण और जीर्णोद्वार के लिए कृत संकप्लिप, प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को महादेव की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है। यही कारण है कि केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही हम मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने कि दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसके अंतर्गत कुमांऊ के गोलज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, गुरूगोरखनाथ, मॉ पूर्णागिरि, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी समेत अनेक मंदिरों को प्रथम चरण लिया है और दूसरे चरण में अन्य मंदिरों को लिया जायेगा। इसके लिए हम महायोजना तैयार कर रहे है और उसी अनुसार कार्य कर रहे है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि मानसखंड कॉरिडोर पर आधारित हमारी झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में प्रथम पुरुष्कार मिला। उन्होंने कहा कि चंपावत जिले के विकास हेतु वह कृत संकल्पित हैं इसी उद्देश्य से जिला मुख्यालय एवं टनकपुर में जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सी.एम. कैंप कार्यालय भी खोला है। सरकार चंपावत को आदर्श जिला बनाने के लिए लगातार मिशन मोड़ में कार्य कर रही हैं। जल्द ही इसी माह चम्पावत में विकास कार्यां को लेकर एक बैठक प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि सिप्टी वॉटर फॉल का सौंदर्यीकरण हेतु धनराशि भी आवंटित कर दी गई है। चंपावत के साथ साथ पूरे प्रदेश को आगे बढ़ाने का कार्य निरंतर जारी है।