उत्तराखंड में आधी आबादी यानी 40.12 लाख महिला मतदाता जिस ओर रुख कर लें, उस राजनीतिक दल की किस्मत पलटते देर नहीं लगेगी। सीमांत और पर्वतीय जिलों में तो संख्या बल की अपनी क्षमता के कारण महिला मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। कांग्रेस की नजरें इस मतदाता समूह पर टिकी हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव के परिणाम ये बताते हैं कि महिलाओं ने कांग्रेस की तुलना में उसकी धुर विरोधी भाजपा पर अधिक विश्वास किया। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और साथ ही राज्य की सरकार ने लखपति दीदी, महिला आरक्षण समेत महिलाओं को केंद्र में रखकर कई योजनाओं पर खूब मेहनत की है। इसके जवाब में कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की नीति के साथ सामने आई है।
महिलाओं से किया जा रहा है ये वादा
न्याय यात्रा के माध्यम से जिलों में हर महिला को घर बैठे काम देने की योजना शुरु करने का वायदा किया जा रहा है। लखपति दीदी के जवाब में कांग्रेस का यह दांव महिला मतदाताओं को लुभाने में कितना कारगर साबित होगा, यह चुनाव परिणाम से ही स्पष्ट हो पाएगा।
देवभूमि में महिलाओं की भागीदारी है अहम
उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में कुल 83.21 लाख से अधिक मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 40.12 लाख से अधिक है। पर्वतीय जिलों में खेती, किसानी से लेकर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों एवं स्वयं सहायता समूहों के रूप में आर्थिक सशक्तिकरण में भी उनका बड़ा योगदान है। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर व चंपावत जिलों में महिला मतदाताओं और पुरुष मतदाताओं में बड़ा अंतर नहीं हैं। रुद्रप्रयाग जिले में उनकी संख्या अधिक है।
2014 और 2019 के चुनावों में ऐसी थी महिलाओं की भूमिका
वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मत प्रतिशत में भाजपा की लंबी छलांग के पीछे महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस लोकसभा चुनाव में मातृशक्ति को लुभाने के लिए हर दल पूरी शक्ति झोंक रहा है।
महिलाओं पर फोकस कर रही कांग्रेस
कांग्रेस ने महिलाओं को लुभाने के लिए उनके आर्थिक सशक्तीकरण का खाका तैयार किया है। इसे लेकर पार्टी मतदाताओं के बीच पहुंच रही है। इसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मशीन के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इस योजना से जुड़ी महिलाएं प्रति माह 15 से 20 हजार रुपये की आय अर्जित कर सकेंगी। देश की 50 करोड़ महिलाओं को सेनेटरी पैड की आवश्यकता है। महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पैड बनाए जाएंगे। देश के साथ ही उत्तराखंड के हर गांव में महिलाओं को दस-दस पैड निश्शुल्क दिए जाएंगे।
पीड़ित महिलाओं का दरवाजा खटखटाने जा रही है कांग्रेस
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला का कहना है कि उत्तराखंड में महिलाओं के शोषण और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि हुई है। महिला कांग्रेस पीड़ित बहनों को न्याय दिलाने के लिए उनका दरवाजा खटखटाने जा रही है। उत्तराखंड के हर जिले में नारी न्याय सम्मेलन किए जा रहे हैं। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए महिला कांग्रेस संघर्षरत है। पीड़ित महिलाओं को आर्थिक, कानूनी एवं उपचार समेत अन्य तरीके से सहायता पहुंचाई जाएगी। न्याय यात्रा की अवधारणा के पीछे आधी आबादी का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों को लेकर लगातार जनता के बीच रही है।