कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक के चार दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने इस बारे में फैसला लिया है। 2019 में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात की कोर्ट ने मार्च, 2023 में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की थी। राहुल गांधी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार चार जुलाई को निचली अदालत के सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। ये रोक सूरत सेशन कोर्ट से दोषसिद्धि पर फैसला आने तक जारी रहेगी, जहां राहुल गांधी ने कनविक्शन के खिलाफ अपील दायर कर रखी है।
ये था मोदी सरनेम का मामला
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है? इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उधर, लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द कर दिया था। साथ ही उन्हें 22 अप्रैल तक सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस दिया गया था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने सरकारी आवास खाली कर दिया था। वहीं, शुक्रवार चार अगस्त को राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और उनकी सजा पर रोक लगा दी गई।