विधानसभा में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 25 लाख रुपये की ठगी के मामले में सोनीपत (हरियाणा) में दर्ज मुकदमे में अब तक सोनीपत पुलिस ने दून पुलिस को आधिकारिक सूचना नहीं दी है। इससे पहले मामले में नामजद विधानसभा सचिवालय की एपीएस (सहायक निजी सचिव) मोनिका देवी ने नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायती पत्र देकर बताया कि उनका इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है।
मोनिका देवी इसके बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से भी मिली थीं। नेहरू कॉलोनी थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि अब तक उनसे सोनीपत पुलिस ने संपर्क नहीं किया है, ऐसे में वह जांच शुरू नहीं कर पाए हैं। यदि वहां की पुलिस संपर्क करती है तो वह जांच आगे बढ़ाएंगे।
झांसा देकर छह लोगों ने 25 लाख रुपये ठगे
सोनीपत की सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में जटवाड़ा निवासी कुलदीप खत्री ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे कुशल खत्री को उत्तराखंड विधानसभा में नौकरी का झांसा देकर छह लोगों ने 25 लाख रुपये ठगे हैं। उन्होंने मुकदमे में सोनीपत निवासी सुमन, उनके पति जितेंद्र, बेटे हर्ष व बेटी प्रीति के अलावा देहरादून के एकता विहार निवासी नवनीत और उत्तराखंड सचिवालय में तैनात एपीएस मोनिका देवी को नामजद कराया था।
आरोप लगाया कि सुमन, जितेंद्र, हर्ष व प्रीति ने उनकी मुलाकात नवनीत से करवाई थी। आरोपियों ने 13 जून को उनके बेटे कुशल खत्री को उत्तराखंड बुलाया। यहां उसकी मुलाकात सचिवालय में एपीएस मोनिका से कराई गई।
आरोप है कि मोनिका ने कुशल को विधानसभा में नियुक्ति का झांसा दिया और 20 जून को उसे नियुक्ति पत्र लेने को कहा। इसके बाद कुशल को विधानसभा में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र सौंप दिया गया। साथ ही उत्तराखंड शासन के नाम से एक फर्जी पहचान पत्र भी दिया गया। इसके बाद उससे और रुपये लिए गए। उसको कई दिन तक विधानसभा के सचिवालय में बुलाया गया।