प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हरिद्वार जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया है। राज्य गठन के बाद से अब तक भाजपा यहां जिला पंचायत में अधिकतम चार सीटें ही जीत पाई थी, लेकिन गुरुवार देर रात तक आए चुनाव नतीजों का रुझान बता रहा है कि इस बार पार्टी अपने दम पर या निर्दलीय की मदद से जिला पंचायत पर काबिज हो सकती है।
उधर, विपक्ष कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी हार के बाद हरिद्वार पंचायत चुनाव का प्रदर्शन बड़ा झटका साबित होने जा रहा है। विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्तासीन हुई भाजपा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए हरिद्वार पंचायत चुनाव पहली बड़ी परीक्षा रहे।
रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार में पूरी ताकत लगाई:
भाजपा के समक्ष चुनौती इसलिए भी अधिक थी क्योंकि इसी वर्ष की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का इस जिले में प्रदर्शन पहले की अपेक्षा काफी कमजोर रहा।
यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार में पूरी ताकत लगा दी। मुख्यमंत्री धामी ने पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हरिद्वार जिले के कई दौरे किए।
हरिद्वार सांसद निशंक ने जिले में विभिन्न दलों के व्यापक जनाधार रखने वाले नेताओं को भाजपा के खेमे में खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भाजपा सरकार के लिए पिछले डेढ़-दो महीने का समय आसान नहीं रहा। पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का प्रकरण सामने आया।
मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच एसटीएफ को सौंप दी। इसके बाद विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर विस अध्यक्ष की संस्तुति पर मुख्यमंत्री ने विस सचिवालय की 228 नियुक्तियों को निरस्त कर दिया।
जिला पंचायत में अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन:
दरअसल, विपक्ष कांग्रेस ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश की। हरिद्वार में पंचायत चुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले अंकिता भंडारी हत्या का प्रकरण सामने आया। हत्याकांड में पार्टी नेता विनोद आर्या के पुत्र पुलकित के मुख्य आरोपित होने से भाजपा ने स्वयं को एक बार फिर असहज स्थिति में पाया। यद्यपि, मुख्यमंत्री धामी ने इस प्रकरण में भी सख्त कदम उठाए।
इस सबके बावजूद भाजपा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, खासकर जिला पंचायत में अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, तो इससे साफ है कि हरिद्वार के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पर अपना विश्वास जताया है। भाजपा में इस चुनावी प्रदर्शन से मिशन 2024 के लिए भी उत्साह का संचार होगा।