प्रदेश में लोकसभा की पांचों सीटों के लिए व्यय पर्यवेक्षक उत्तराखंड पहुंच चुके हैं। इन्होंने अधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। वे शुक्रवार को होने वाले नामांकन के दौरान प्रत्याशियों व पार्टियों के खर्च की निगरानी करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के निर्देशानुसार प्रवर्तन दलों ने बुधवार को मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में 450 लीटर शराब बरामद की। अब तक चंपावत में 600 लीटर शराब बरामद की जा चुकी है। वहीं अब तक कुल 736 लीटर शराब बरामद की जा चुकी है। गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल तीन करोड़ रुपये की शराब बरामद की गई थी। वहीं 2022 में कुल 4.70 करोड़ की शराब बरामद की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर शराब की 628 दुकानों के साथ ही आठ बॉटलिंग प्लांट व डिस्टलरी की सीसीटीवी के जरिये निगरानी की जा रही है। साथ ही शराब वितरण में लगे सभी वाहनों पर भी जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 2019 के चुनाव में कुल 10 बूथों पर स्थानीय निवासियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। इस बार कहीं से भी बहिष्कार की शिकायत नहीं मिली है। सी-विजिल एप पर अब तक प्राप्त 5625 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।
12 बूथों पर तीन दिन पहले रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस बार केवल 12 बूथ ऐसे हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को मतदान से तीन दिन पहले रवाना होना होगा। इनमें 11 बूथ उत्तरकाशी और एक बूथ पिथौरागढ़ का है। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ के इस बूथ की दूरी 10 किमी है व यहां 586 मतदाता हैं। वहीं उत्तरकाशी के लिवाड़ी बूथ की दूरी 20 किमी है। इस बूथ पर कुल 577 मतदाता हैं।