हेलो सर आइसीआइसीआइ बैंक क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से नेहा शर्मा बात कर रही हूं। सर आइसीआइसीआइ बैंक आपको फ्री कास्ट क्रेडिट कार्ड आफर कर रहा है, जिसकी लिमिट आपको पांच लाख तक प्रोवाइड की जाएगी। क्या आप क्रेडिट कार्ड लेने को तैयार हैं? आपकी एक सहमति और बैंक खाता खाली। यदि आपके पास भी इस तरह के फोन आ रहे हैं, सतर्क होने की जरूरत है। साइबर ठग आपका खाता खाली कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने हरिद्वार से संचालित हो रहे इसी तरह के एक काल सेंटर में दबिश देकर एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। यह साइबर ठग 10वीं पास है और पढ़े-लिखे लोगों को चपत लगाने में माहिर है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि क्रेडिट कार्ड के नाम पर फर्जी काल कर उनसे धोखाधड़ी किए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पाया गया कि हरिद्वार के थाना सिडकुल क्षेत्र में एक इसी तरह का गिरोह सक्रिय है। जांच के दौरान कई मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया। साथ ही संदिग्ध बैंक खातों के लेनदेन का विवरण चेक किया गया। जिसमें पाया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बंगाल और देश के अन्य राज्यों से अलग-अलग व्यक्तियों के बैंक खातों से लाखों रुपये गिरोह के खातों में निरंतर स्थानांतरित किए जा रहे हैं। इन संदिग्ध खातों में पिछले कुछ महीनों में 70 लाख रुपये का लेनदेन पाया गया।
गिरोह के बारे में जानकारी जुटाते हुए सोमवार को एसटीएफ के निरीक्षक यशपाल बिष्ट, दारोगा धर्मेंद्र रौतेला व यादविंदर बावजा की देखरेख में एक टीम ने मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद, थाना सिडकुल, हरिद्वार के एक घर में दबिश देकर आरोपित विपिन पाल मूल निवासी ग्राम पिंडोरा जहांगीरपुर, थाना झिंझाना, जिला शामली को गिरप्तार किया। उसके पास से छह मोबाइल फोन, चार मोबाइल फोन के खाली डिब्बे, एक कंप्यूटर मानीटर, एक सीपीयू, 14 डेबिट कार्ड, तीन हिसाब-किताब के रजिस्टर व ग्राहकों को ठगने के लिए तैयार स्क्रिप्ट बरामद की।
ऐसे की जा रही थी ठगी
पूछताछ में विपिन पाल ने बताया कि वह हरिद्वार में वर्ष 2017 से रह रहा है। वह 10वीं पास है और कई सालों से क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस एवं विभिन्न लोन दिलाने के नाम पर फोन के माध्यम से काल कर लोगों के साथ ठगी कर रहा है। उसके गिरोह में 11 लोग हैं, सभी आनलाइन ठगी कर रहे हैं। सभी को अलग-अलग काम दिया गया था।
एक अन्य गिरोह के तीन सदस्यों का कार्य ऐसा डाटा उपलब्ध कराना होता है, जिन लोगों के साथ ठगी की जानी है। आरोपित ने बताया कि ठगी से प्राप्त धन से उसने रामनगर रावली महदूद में ही दो मंजिला घर खरीदा है। फर्जी काल करने के लिए एक कार्यालय ब्रह्मपुरी बाजार में खोला गया था, जहां से काल सेंटर संचालित होता है।