जमीन कब्जाने के मामले में सीबीआइ ने उद्योगपति सुधीर विंडलास सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सुधीर विंडलास व अन्य आरोपितों पर एक परियोजना की आड़ में आसपास की सरकारी व निजी भूमि कब्जाने का आरोप है। आरोपितों के विरुद्ध चार मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों में नामजद अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी सीबीआइ जल्द कर सकती है।
उद्योगपति सुधीर विंडलास व उनके सहयोगियों के विरुद्ध राजपुर थाने में जमीन पर कब्जा करने और धोखाधड़ी से बेचने के चार मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से एक मुकदमा वर्ष 2018 में और बाकी के तीन वर्ष 2022 में दर्ज हुए। सुधीर के विरुद्ध सबसे पहले दुर्गेश गौतम निवासी राजपुर ने वर्ष 2018 में पुलिस की एसआइटी (भूमि) से शिकायत की थी। दुर्गेश का आरोप था कि सुधीर और उनके साथियों ने राजपुर में करीब एक हेक्टेयर सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। इसमें कुछ तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप भी था। एसआइटी की जांच के बाद मामले में 14 फरवरी 2018 को राजपुर थाने में सुधीर व अन्य के खिलाफ जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसके बाद वर्ष 2022 में दून पैरामेडिकल कालेज के मालिक संजय सिंह चौधरी ने आरोप लगाया कि सुधीर ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर जोहड़ी गांव स्थित उनकी जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया है। यह आरोप भी लगाया कि न्यायालय में झूठे प्रमाण पत्र लगाकर जमीन बिक्री के करार को एकतरफा खत्म करा दिया गया। इस मामले में नौ जनवरी 2022 को राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। सुधीर के विरुद्ध तीसरा मुकदमा 13 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानू की शिकायत पर दर्ज हुआ। राजपुर थाने में दर्ज इस मुकदमे में सुधीर पर सोबन सिंह दानू को सरकार की ओर से जोहड़ी गांव में आवंटित भूमि कब्जाने का आरोप है।
इसी कड़ी में 25 जनवरी 2022 को दून पैरामेडिकल कालेज के मालिक संजय सिंह चौधरी की शिकायत पर राजपुर थाने में चौथा मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें सुधीर के साथ उनके भाई प्रदीप विंडलास को भी आरोपित बनाया गया। इन मामलों में सीबीआइ सुधीर और उनके साथियों को काफी समय से तलाश रही थी। गुरुवार को सुधीर और उनके सहयोगी रवि दयाल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई तो सीबीआइ को ट्रांसफर हुए मुकदमे
राजपुर थाने में सुधीर विंडलास पर दर्ज मुकदमों की जांच जिला पुलिस कर रही थी। इस बीच शिकायतकर्ता संजय सिंह चौधरी ने पुलिस पर मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि मुकदमों की जांच सीबीआइ से कराई जाए। इस पर 11 अक्टूबर 2022 को सरकार ने सुधीर विंडलास पर दर्ज सभी मुकदमों की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की। इसके बाद चारों मुकदमे सीबीआइ की एंटी करप्शन शाखा देहरादून को ट्रांसफर कर दिए गए।