पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत भले ही हरिद्वार संसदीय सीट से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हों, लेकिन उनके लिए नैनीताल संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है। लोकसभा चुनाव की घोषणा और कांग्रेस की ओर से टिकट तय करने में भले ही अभी काफी समय है, लेकिन पार्टी ने संसदीय सीटवार जिन समन्वयकों को मोर्चे पर उतारा है, उसे देखते हुए टिकट के पात्रों को लेकर कयास लग रहे हैं। संकेत ये भी हैं कि इस लोकसभा चुनाव की रणनीति के निर्धारण में हरीश रावत की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटों में किन्हें कांग्रेस का टिकट मिलेगा, इसे लेकर तस्वीर साफ होने में अभी समय है। लेकिन, प्रदेश की पांच संसदीय सीटों के लिए जिन समन्वयकों की नियुक्ति की गई है, उसके पीछे पार्टी हाईकमान की टिकट को लेकर रणनीति भी झलक रही है।
हरिद्वार के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नैनीताल के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, अल्मोड़ा के लिए पूर्व कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष प्रो जीतराम, टिहरी के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी और पौड़ी के लिए विधायक विक्रम सिंह नेगी को समन्वयक नियुक्त किया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल वर्तमान में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में हरीश रावत के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। पार्टी के भीतर टिकट के दावेदारों में अभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही ऐसे प्रमुख नेता हैं जो हरिद्वार को अपना पसंदीदा संसदीय क्षेत्र बताते हुए काफी पहले से ही सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव नैनीताल संसदीय सीट से लड़ा था। यही नहीं नैनीताल सीट पर भी उनकी दावेदारी को बिसराया नहीं गया है। इस क्षेत्र के समन्वयक की जिम्मेदारी उनके करीबी वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल को दी गई है।
अल्मोड़ा सुरक्षित सीट पर टिकट के प्रमुख दावेदारों में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सम्मिलित हैं। इस क्षेत्र में समन्वयक नियुक्त किए गए प्रो जीतराम के यशपाल आर्य और हरीश रावत दोनों से ही अच्छे संबंध हैं। टिहरी सीट से वर्ष 2019 में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। प्रीतम सिंह भले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के प्रति अनिच्छा जताते रहे, लेकिन टिकट पर उन्हें स्वाभाविक दावेदार माना जाता रहा है। इस संसदीय क्षेत्र की चकराता सीट से वह लगातार छठी बार विधायक हैं। इस सीट के लिए समन्वयक का जिम्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को दिया गया है। नैथानी के भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ मजबूत संबंध हैं।
पौड़ी संसदीय सीट के लिए समन्वयक विधायक विक्रम सिंह नेगी नियुक्त किए गए हैं। पिछला लोकसभा चुनाव इस सीट से लड़ चुके मनीष खंडूड़ी भी टिकट के स्वाभाविक दावेदारों में सम्मिलित हैं। पांचों समन्वयकों की नियुक्ति प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सलाह से की गई है, लेकिन इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पसंद का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि लोकसभा क्षेत्रवार समन्वयकों की नियुक्ति वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पार्टी हाईकमान ने की है। पार्टी प्रत्येक सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतारेगी।