मणिपुर में आज भी रुक-रुक कर हिंसा देखने को मिल रही है। एक ओर हिंसा पर देश चिंतित है तो दूसरी ओर दो महिलाओं के नग्न वीडियो आने के बाद से सरकार कठघरे में है। इस बीच महिलाओं के वीडियो मामले को अलग राज्य में ट्रांसफर करने के केंद्र के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
महिलाओं ने लगाई थी याचिका:
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दोनों महिलाओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ याचिका लगाई है। याचिका में मांग की गई है कि शीर्ष न्यायालय मामले में स्वत: संज्ञान ले और निष्पक्ष जांच का आदेश दे। पीड़ितों ने यह भी अनुरोध किया है कि उनकी पहचान सुरक्षित रखी जाए। महिलाओं की याचिका के बाद केंद्र ने कोर्ट से मामले को मणिपुर से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की अपील की है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने की मांग:
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से मुकदमे को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के साथ यह सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया कि मुकदमा छह महीने के भीतर पूरा हो जाए। इसके लिए केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर जताई थी नाराजगी:
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते महिलाओं के वीडियो की निंदा की थी। कोर्ट ने कहा था कि ये दृश्य घोर संवैधानिक विफलता दिखाते हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने और अदालत को उनकी प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया था।
उधर, दोनों महिलाओं के वीडियो सामने आने के बाद से पूरा विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ हमलावर है। विपक्षी नेताओं ने मामले की व्यापक निंदा की है। मणिपुर के एक आदिवासी संगठन ने आरोप लगाया है कि दो महिलाओं के साथ एक खेत में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।
विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिन ही मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा कर वहां के लोगों के मुद्दे उठाए हैं। नेताओं ने मणिपुर की राज्यपाल को भी उचित कदम उठाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा है।