शर्मनाक बात ये है कि इस गिरोह में पूर्व फौजी भी शामिल है। ये सभी आर्मी कैंटीन के नाम पर शराब की बिक्री कर रहे थे। उत्तराखंड नशे के लिए बदनाम है, यहां पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ अभियान चला रहा है, लेकिन नशा तस्करी रुक नहीं रही। ताजा मामला देहरादून का है।
जहां पुलिस ने तीन शराब तस्करों को पकड़ा है। शर्मनाक बात ये है कि इस गिरोह में पूर्व फौजी भी शामिल है। ये सभी आर्मी कैंटीन के नाम पर शराब की बिक्री कर रहे थे। आरोपियों के पास से कुल 28 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। शराब की बोतलों पर आर्मी कैंटीन के फर्जी लेबल लगे हुए थे। स्कूटी और गोदाम से सीएसडी कैंटीन के 390 फर्जी स्टीकर बरामद हुए। अब पुलिस गिरोह के दूसरे लोगों को तलाश में जुटी है। पुलिस को आशंका है कि सीएसडी कैंटीन के कर्मचारी भी इस धंधे में शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए आरोपियों में से एक पहले आराघर स्थित सीएसडी डिपो में काम करता था। वो और उसके कुछ साथी बाहरी राज्यों से शराब लाकर बोतलों पर सीएसडी कैंटीन का लेबल लगाकर बेचने लगे।
कैंटीन की शराब बताकर उन्हें शराब के अच्छे दाम मिल जाते हैं। बाद में इन्होंने कुछ पूर्व फौजियों को भी अपने धंधे में शामिल कर लिया। यहां आपको पूरा मामला भी बताते हैं। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली की एक गिरोह आर्मी कैंटीन का लेबल लगाकर पर्वतीय इलाकों में शराब की तस्करी कर रहा है। ये लोग चंडीगढ़ और दूसरे राज्यों से अवैध रूप से शराब लाते थे, जिस पर आर्मी कैंटीन का लेबल लगाकर आगे बेच दिया जाता था। पुलिस को ये भी पता चला कि कुछ लोग रायपुर में शराब की खेप पहुंचाने वाले हैं। इस पर पुलिस ने वाहनों की चेकिंग के लिए टीम लगा दी। चेकिंग के दौरान खंलगा पुल के पास दो स्कूटी सवारों को रोक कर उनकी तलाशी ली गई तो स्कूटी में अवैध शराब बरामद हुई।