देहरादून में हुए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में सहारनपुर जेल में बंद मुख्य आरोपितों में से एक केपी सिंह (कुंवर पाल) की बीते गुरुवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। आठ सितंबर को दून पुलिस उसे बी-वारंट पर दून भी लाई थी। यहां उससे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े (Registry Fraud Case) से संबंधित साक्ष्य बरामद किए गए थे। इसके बाद उसे वापस सहारनपुर जेल भेज दिया गया। केपी इस फर्जीवाड़े की अहम कड़ी था, ऐसे में उसकी मृत्यु को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
हाइपर टेंशन के कारण केपी को पड़ा था दौरा
जिला कारागार सहारनपुर के अधिकारियों के अनुसार केपी को हाइपर टेंशन (अत्यधिक तनाव) के कारण दौरा पड़ा था। जिसके बाद उसे सहारनपुर के जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन यह दावा भी कर रहा है कि केपी अपना मानसिक संतुलन खो चुका था। उसकी उम्र 51 वर्ष थी और वह सहारनपुर में ईदगाह कस्बा रोड का रहने वाला था। उस पर सहारनपुर व देहरादून में विभिन्न धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज थे।
आठ सितंबर को सहारनपुर जेल से दून लाई थी पुलिस
देहरादून में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े (Dehradun Registry Fraud Case) में नाम सामने आने के बाद केपी ने गिरफ्तारी के डर से एक पुराने मामले में अपनी जमानत तुड़वाकर सहारनपुर कोर्ट (Saharanpur Court) में समर्पण कर दिया था। इसके बाद आठ सितंबर को दून पुलिस उसे बी-वारंट पर सहारनपुर जेल (Saharanpur Jail) से दून लाई थी। तब कोर्ट ने उसकी चार दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की थी।
एसआइटी प्रभारी ने की केपी की मौत की पुष्टि
इस दौरान पुलिस ने उससे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े (Registry Fraud Case) को लेकर तमाम साक्ष्य एकत्रित किए। विशेषकर देहरादून की जमीनों के रिकार्ड जब तक सहारनपुर में रहे (31 दिसंबर 2022 से पहले), उस अवधि में उनके साथ छेड़छाड़ किस तरह की गई या कितने अभिलेखों में यह फर्जीवाड़ा किया गया है या और कितने लोग इस खेल में शामिल हो सकते हैं, इस तरह के सवालों के जवाब जानने का प्रयास किया गया था। एसआइटी प्रभारी एसपी सर्वेश पंवार ने केपी की मृत्यु की पुष्टि की है।
जांच के लिए झटका साबित हो सकती है केपी की मौत
अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े (Registry Fraud Case) में जितने भी प्रकरण सामने आए हैं, उसमें केपी सिंह और देहरादून के अधिवक्ता कमल विरमानी का नाम मुख्य आरोपितों में शामिल है। फर्जीवाड़े के तमाम किरदारों और दून जेल में बंद अधिवक्ता कमल विरमानी के बीच की अहम कड़ी केपी को ही बताया जा रहा था। ऐसे में केपी की मौत रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच में दून पुलिस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है।
फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद हैं 17 आरोपित
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े (Registry Fraud Case) में एसआइटी अब तक 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। केपी की मौत के बाद अब 17 लोग जेल में बंद हैं।