केंद्र ने प्रदेश सरकार को एक और बड़ी सौगात दी है। केंद्र सरकार ने दून (बल्लुपुर)-पांवटा साहिब राजमार्ग (एनएच-72) के सुदृढ़ीकरण और इसे फोर लेन बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 1093.01 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया है। प्रदेश में दून-पांवटा साहिब राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए छह साल से कवायद चल रही है। पहले यह काम राज्य की राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई कर रही थी। कई प्रयास के बाद भी परियोजना परवान नहीं चढ़ पाई। इसके बाद एनएचएआइ को परियोजना पर काम करने की जिम्मेदारी मिली। इसका सर्वे किया गया तो इसकी लागत तकरीबन 2000 करोड़ रुपये आंकी गई।
इस परियोजना को दो चरणों में पूरा करने का निर्णय लिया गया। कहा गया कि पहला पैकेज बल्लूपुर चौक से मेदनीपुर तक और दूसरा मेदनीपुर से पांवटा साहिब तक होगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू करने की बात कही गई। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था।अब केंद्र सरकार ने इसे स्वीकृत करने के साथ ही पैकेज भी जारी कर दिया है।
गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र के सहयोग से सड़क संपर्क मजबूत किया जा रहा है। प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। सभी सड़कों का आल वेदर रोड की तर्ज पर बनाया जा रहा है। चाहे वह सड़क चार धाम के लिए हो अथवा प्रदेश के किसी अन्य स्थान के लिए बन रही हो।
एनएचएआइ के देहरादून स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय के मुताबिक टेंडर प्रक्रिया दो माह के भीतर पूरी कर दी जाएगी और फरवरी तक चौड़ीकरण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। दो साल के भीतर परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखे जाने का भी निर्णय लिया गया है। यद्यपि, इस पर अनुबंध तैयार हो जाने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
चौड़ीकरण से यह मिलेगा लाभ:
दून-पांवटा साहिब राजमार्ग पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। व्यस्ततम समय में यहां पर वाहनों का दबाव प्रति घंटे 6500 के करीब पहुंच जाता है। इसके चलते राजमार्ग के विभिन्न हिस्सों पर जाम की स्थिति विकट हो जाती है। चौड़ीकरण के बाद वाहन यहां से तेजी से गुजर सकेंगे।
जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे 800 करोड़
परियोजना में बड़े स्तर पर निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 800 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूर्व में नोटिफिकेशन के साथ ही शुरू करा दी गई थी।