प्रदेश में पुलिस महानिदेशक पद के लिए डीपीसी की प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर गृह विभाग ने एक बार फिर पुलिस महानिदेशक पद के पात्र सभी आइपीएस अधिकारियों की विस्तृत जानकारी केंद्र को भेज दी है। इस बार इन नामों में उत्तर प्रदेश में तैनात उत्तराखंड कैडर के अधिकारियों के नाम भी शामिल किए गए हैं। अभी प्रदेश में 1996 बैच के आइपीएस अभिनव कुमार प्रभारी महानिदेशक का पदभार देख रहे हैं।
आइपीएस अधिकारियों की सेवा 30 वर्ष की होनी अनिवार्य
प्रदेश में पुलिस महानिदेशक पद से अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने से पहले प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक पद पर पदोन्नति के लिए अधिकारियों की तलाश शुरू की। पुलिस में महानिदेशक पद के लिए पहले आइपीएस अधिकारियों की सेवा 30 वर्ष की होनी अनिवार्य थी। संघ लोक सेवा आयोग ने इसमें बदलाव कर आइपीएस अधिकारी के रूप में 25 वर्ष की सेवा देने वाले अधिकारियों को भी डीजीपी पद का पात्र माना। इस आधार पर पुलिस मुख्यालय ने उत्तराखंड में सेवारत आइपीएस अधिकारी दीपम सेठ (1995 बैच), डा पीवीके प्रसाद (1995 बैच), अभिनव कुमार (1996 बैच), अमित कुमार सिन्हा (1997 बैच), वी मुरुगेशन (1997 बैच), संजय कुमार गुंज्याल (1997 बैच) और एपी अंशुमान (1998 बैच) का नाम शासन को भेजा।
इस बीच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कार्याकाल पूरा हो गया। ऐसे में राज्य सरकार ने एक नवंबर 2023 को आइपीएस अभिनव कुमार को प्रभारी पुलिस महानिदेशक का पदभार सौंपा। अभी वही इस दायित्व को निभा रहे हैं।
डीपीसी के लिए आइपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा
इसके बाद दिसंबर में प्रदेश सरकार ने केंद्र व संघ लोक सेवा आयोग को डीपीसी के लिए आइपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा। आयोग ने इसी वर्ष अप्रैल में इस पर कुछ और जानकारी मांगी। इनमें डेपुटेशन पर रहने वाले अधिकारियों के संबंध में और आईपीएस अधिकारियों की सेवा शर्तों के विषय में थी। सूत्रों की मानें तो गृह विभाग ने प्रदेश में तैनात सात अधिकारियों के नाम तो भेजे ही हैं साथ ही उत्तर प्रदेश में तैनात उत्तराखंड कैडर के आइपीएस अधिकारियों के नाम भी इसमें शामिल किए हैं।
अब संघ लोक सेवा आयोग डीपीसी के लिए समय देगा। इसके बाद वह तीन नाम का पैनल प्रदेश सरकार को भेजेगा। जिसमें से सरकार को एक अधिकारी का चयन पुलिस महानिदेशक के रूप में करना होगा। यद्यपि इस प्रक्रिया में खासा समय लगेगा।