कालसी तहसील अंतर्गत टिपऊ पंचायत क्षेत्र के मलऊ जंगल में चार दिन से लगी आग बुधवार को हुई वर्षा के बाद ही बुझ पाई। तीन दिन से वन कर्मी व अग्निशमन कर्मी जंगल की आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे। आग की विकरालता यह थी कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पानी खत्म होने से आग बुझाने का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था, जबकि वन विभाग की टीम मंगलवार देर रात तक कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाने का प्रयास करती रही। लेकिन आग पूरी तरह से नहीं बुझ पायी। चौथा दिन बुधवार को भी जंगल में आग बुझाने के प्रयास असफल हो गए। वन विभाग व फायर ब्रिगेड के इंतजाम भी नाकाफी साहित हुए। दोपहर बाद इंद्रदेव की मेहरबानी हुई। झमाझम बारिश के चलते जंगल की आग बुझ पाई।
दो जून से जंगल में लगी आग ने बड़े स्तर पर चपेट में लिया वन संपदा
दरअसल, दो जून को जंगल में लगी आग बुझाने के लिए मलऊ व टिपऊ के ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया, जब जंगल में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया, तब वन कर्मियों को सूचना दी गई, लेकिन तब तक आग बड़े स्तर पर वन संपदा को अपनी चपेट में ले चुकी थी, आबादी क्षेत्र को भी खतरा बढ़ गया था। वन क्षेत्राधिकारी कालसी अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि बढ़ती गर्मी में कालसी व चकराता क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की सूचना मिली है, लेकिन साहिया क्षेत्र के मलऊ व टिपऊ गांव के जंगलों में आग पर काबू पाने का प्रयास वन विभाग व फायर ब्रिगेड ने किया। रीवर रेंज के कोटी अनुभाग व साहिया अनुभाग द्वारा आग पर काफी हद तक काबू पाया गया, लेकिन जो आग बची थी, वह वर्षा होने पर बुझ गई। आग बुझाने वाली टीम में अनुभाग अधिकारी यामीन खान, वन बीट अधिकारी केशरी चंद, खेम चन्द, निधि भंडारी, ज्योति राणा, दलवीर सिंह सजवान आदि शामिल रहे।