केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के सीईओ रवींद्र भटकर को पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नोटिस जारी कर उन्हें सीईओ पद छोड़कर उनके पिछले पद पर लौटने के लिए कहा गया है। रवींद्र रेलवे विभाग से सेंसर बोर्ड में आए थे। हालांकि, उनके इस पद से अचानक हटाए जाने के कारणों को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
सेंसर बोर्ड अधिकारियों को देने पड़े थे साढ़े छह लाख
रवींद्र के हटाए जाने के मामले को गत दिनों में सेंसर बोर्ड पर लगे घूसखोरी के आरोपों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले तमिल अभिनेता विशाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी तमिल फिल्म मार्क एंटनी के हिंदी संस्करण को प्रमाणित कराने के लिए सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को 6.5 लाख रुपये देने पड़े थे। जिसके बाद मामले को दर्ज करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कुछ सीबीएफसी के अधिकारियों और तीन अन्य के खिलाफ जांच शुरु की थी।
सीबीआई ने तीन व्यक्तियों की पहचान की
सीबीआई ने अन्य तीन व्यक्तियों की पहचान मर्लिन मेनगा, जीजा रामदास और राजूत के रूप में की है। वहीं सीबीएफसी कर्मियों के नामों की के बारे में कोई रहस्योद्घाटन नहीं किया है। रवींद्र भटकर का हटाया जाना इसी मामले से संबंधित है या उसका कुछ और कारण है, इस बारे में खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।