उत्तराखंड में जन कल्याणकारी योजनाओं का दायरा बढ़ेगा तो साथ ही अपात्रों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा।
समाज के हर वर्ग के कमजोर और वंचित व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 13 सूत्रीय विजन को ध्यान में रखकर पुष्कर सिंह धामी सरकार विशेष तैयारी कर रही है।
नए साल के पहले महीने में प्रस्तावित सीएम कान्क्लेव में इन्हीं बिंदुओं पर धामी सरकार को परीक्षा भी देनी है। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने संबंधित विभागों से सीएम कान्क्लेव के बिंदुओं पर की गई तैयारी का ब्योरा मांगा है।
सीएम कान्क्लेव के लिए स्थान अभी तय नहीं हुआ:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाले सीएम कान्क्लेव के लिए स्थान अभी तय नहीं हुआ है। माना यह जा रहा है कि उत्तराखंड में इसका आयोजन हो सकता है। प्रदेश सरकार इसे ध्यान में रखकर ही अपनी तैयारी को अंजाम दे रही है।
कान्क्लेव के लिए चिह्नित 13 बिंदुओं का एजेंडा केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। आमजन को किस तरह सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इस पर प्रधानमंत्री का विशेष जोर रहा है। इसे ध्यान में रखकर ही इन बिंदुओं में हरियाणा और गोवा राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में दो योजनाओं को सम्मिलित किया गया है।
हरियाणा की भांति उत्तराखंड में भी परिवार पहचान पत्र बनाकर जनता को राहत पहुंचाई जाएगी। आम नागरिक को आय, जन्म, मृत्यु, निवास जैसे आवश्यक प्रमाणपत्रों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। परिवार पहचान पत्र के आधार पर उन्हें सभी आवश्यक प्रमाणपत्र शीघ्र उपलब्ध होंगे।
इसी प्रकार गोवा की भांति स्वयंपूर्ण योजना में सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों के कार्मिक पात्र व्यक्तियों तक स्वयं पहुंचेंगे। लाभार्थियों को सरकारी कार्यालयों में भटकना नहीं पड़ेगा। इन दोनों ही योजनाओं के बारे में मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुतीकरण हो चुका है। मुख्य सचिव ने ठोस कार्ययोजना के साथ आगे बढऩे के निर्देश दिए हैं।
किसी तरह की कसर नहीं छोडऩा चाहती धामी सरकार:
मसूरी चिंतन शिविर और फिर आइएएस वीक में नौकरशाहों को नसीहत और हिदायत देने के बाद धामी सरकार अब सीएम कान्क्लेव में किसी तरह की कसर नहीं छोडऩा चाहती। बिंदुवार एजेंडे पर काम किया जा रहा है।
इसी एजेंडे का हिस्सा ये भी है कि पात्रों तक शीघ्र पहुंचने के लिए अपात्रों का भी शीघ्र चिह्नीकरण हो। आधार कार्ड के शत-प्रतिशत बायोमीट्रिक सत्यापन पर विशेष बल दिया जा रहा है। यही नहीं सरकारी स्कूलों, डिग्री कालेजों के साथ ही पुलिस स्टेशन और जेलों में भी बायोमीट्रिक सत्यापन के लिए कदम उठाए जाएंगे।