अभिनेता सुनील शेट्टी के दो बच्चे हैं।अब उन्होंने जानकारी दी है कि क्यों उन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन भारत के कॉलेज में नहीं कराया। अभिनेता ने इस बात का भी खुलासा किया है कि अपने बच्चों को अमेरिका के स्कूल में पढ़ाने के लिए उन्हें काफी पैसा खर्च करना पड़ा और इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी है।
सुनील शेट्टी ने 1992 में आई किस फिल्म से डेब्यू किया था?
सुनील शेट्टी ने 1992 में आई फिल्म बलवान से डेब्यू किया था। हालांकि, फिल्म मोहरा से उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली। इसी वर्ष, उनकी फिल्म गोपी-किशन भी आई थी। उन्हें पिछली बार ऐमेजन मिनी टीवी सीरीज ‘टूटेगा नहीं, तोड़ेगा’ में देखा गया था। यह उनका ओटीटी डेब्यू भी था। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों को भी याद किया है। वह बताते है कि उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता था। इसके पीछे, कारण यह है कि फिल्म क्रिटिक उनकी फिल्मों को बहुत बुरी रेटिंग देते थे। इसके चलते, इसका प्रभाव ना सिर्फ उनके ऊपर बल्कि परिवार पर भी पड़ता था। इस बारे में बताते हुए सुनील शेट्टी कहते हैं, “मैंने यह तय कर रखा था कि मैं अपने बच्चों को भारतीय स्कूल में नहीं पढ़ाउंगा। मैं उन्हें अमेरिकन बोर्ड के स्कूल में पढ़ाना चाहता था। मैं ऐसी फैकेल्टी चाहता था जो कि अमेरिकन हो। इसके पीछे, कारण यह है कि मैं नहीं चाहता था कि मेरे बच्चों को कोई खास महसूस कराएं कि ये सेलेब्रिटी के बच्चे हैं या उन्हें बताएं कि वह किसके बच्चे हैं। मैं चाहता था कि वह एक ऐसी दुनिया में जाए, जहां कोई फर्क नहीं पड़ता, वह कौन है। मुझे लगता है कि यह काम कर गया। मुझे याद है मेरे पिताजी मुझसे कहते थे कि इसके लिए बहुत पैसा खर्च करना होगा।”
सुनील शेट्टी ने आथिया और अहान के फिल्मों में काम करने पर क्या कहा है?
सुनील शेट्टी ने निखिल कामत से बातचीत में यह बातें बताई है। आथिया शेट्टी और अहान शेट्टी ने भी फिल्म इंडस्ट्री में काम किया है। उन्होंने कभी भी अपने बच्चों से इसे नहीं करने की सलाह नहीं दी है। वह कहते हैं, “यह उनका निर्णय है। हम आथिया को लेकर एडमिशन के लिए अटलांटा गए। उन्होंने कॉलेज देखा। सब कुछ हो गया। उसे पसंद आया। उनका एडमिशन हो गया। जब हम वापस आ रहे थे, तब उसने मुझसे एयरपोर्ट पर कहा- पिताजी मैं यह करके खुश नहीं हूं। फिर मैंने उनसे पूछा कि अब आपको क्या करना है। इस पर उन्होंने मुझसे कहा- मैं इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करना चाहती हूं। इसपर मैंने उनसे कहा कि यह बहुत अच्छी है लेकिन क्या अपनी असफलताओं को स्वीकार कर पाओगे है। हर शुक्रवार मुझे मार देता है। एंजाइटी मुझे मार देती है।”