
स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश पंकज तोमर की अदालत ने किशोरी के साथ दुष्कर्म के एक मामले में आरोपित को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर 12 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। दोषी अजय गोदना पुरकाजी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह पेशे से बस चालक है। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार के अनुसार, एक व्यक्ति ने डोईवाला कोतवाली में तहरीर दी थी कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री दो जनवरी 2019 की शाम को ट्यूशन गई थी। घर लौटते हुए अजय नाम के युवक ने उसे जबरदस्ती स्कूटी में बैठाया और चांदमारी की तरफ ले गया। यहां आरोपित ने एक बस के अंदर उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी ने घर आकर स्वजन को आपबीती सुनाई।
इस मामले में डोईवाला कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को आरोपित अजय निवासी गोदना पुरकाजी मुजफ्फरनगर और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। किशोरी ने अपने बयानों में बताया कि दो दिसंबर को वह कुछ अन्य लोगों के साथ हरिद्वार में आयोजित एक राजनीतिक पार्टी की रैली में गई थी। आरोपित अजय बस चला रहा था। उसी दौरान अजय ने उसे देखा। इसके बाद आरोपित ने किसी से उसका नंबर ले लिया और उसे लगातार फोन करके अपने पास बुलाने लगा। मना करने पर आरोपित उसे जान से मारने की धमकी देता था।
विवेचना के दौरान आरोपित अजय के साथी की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई। ऐसे में पुलिस ने उसे छोड़ दिया। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए गए। मामले में सबसे अहम साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट रही। पीड़िता व आरोपित के कपड़ों के जब डीएनए सैंपल लिए गए तो वह मैच हो गए। बुधवार को कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल की सजा सुनाते हुए 12 हजार रुपये जुर्मान भी लगाया। इसमें से 10 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता को देने के आदेश जारी किए हैं।